Explore Chemistry Now

paper chromatography experiment

paper chromatography experiment.पेपर क्रोमैटोग्राफी प्रयोग: Ni(II), Co(II) और Cu(II) आयनों के पृथक्करण की चरण-दर-चरण हिंदी में प्रक्रिया, अवलोकन तालिका, Rf मानों की गणना और प्रयोग से जुड़े परिणाम — रसायन विज्ञान प्रयोगशाला के लिए उपयोगी।

paper chromatography experiment

🌟 प्रयोग का शीर्षक:

पेपर क्रोमैटोग्राफी द्वारा Ni(II), Co(II) और Cu(II) के आयनों का पृथक्करण (Separation of Ni(II), Co(II) and Cu(II) ions by Paper Chromatography)


🎯 उद्देश्य:

पेपर क्रोमैटोग्राफी की तकनीक का उपयोग कर Ni²⁺, Co²⁺ और Cu²⁺ आयनों को अलग करना और उनके आरएफ मान ज्ञात करना।

🧪 सिद्धांत:

पेपर क्रोमैटोग्राफी में घुलनशीलता और अवशोषण (adsorption) के अंतर के आधार पर आयनों का पृथक्करण होता है।

  • गतिशील घोलक (mobile phase) कागज़ पर से होकर आयनों को अलग-अलग दूरी तक ले जाता है।

  • स्थिर अवस्था (stationary phase) कागज़ (सेल्यूलोज) की परत होती है।

  • Rf मान (Retention factor) की गणना इस तरह होती है:

 

Rf=धब्बे की दूरीघोलक की दूरीRf = \frac{\text{धब्बे की दूरी}}{\text{घोलक की दूरी}}

📝 आवश्यक रसायन और उपकरण:

✅ Ni(NO₃)₂ घोल (0.1 M)
✅ Co(NO₃)₂ घोल (0.1 M)
✅ Cu(NO₃)₂ घोल (0.1 M)
✅ विकसित घोलक (mobile phase) — n-ब्यूटेनॉल : नाइट्रिक एसिड : पानी (4:1:5)
✅ क्रोमैटोग्राफी पेपर (Whatman No. 1)
✅ माइक्रो पिपेट / कैपिलरी ट्यूब
✅ क्रोमैटोग्राफी चेंबर (या बंद जार)
✅ हेयर ड्रायर (या धूप में सुखाने के लिए)
✅ सिडोनियल रिएक्टिव स्प्रे (dimethylglyoxime या dithizone आदि)

paper chromatography experiment

🪄 विधि (Step by Step):

1️⃣ क्रोमैटोग्राफी पेपर की तैयारी:

  • एक Whatman No.1 का पेपर पट्टी (20 cm लंबी, 2 cm चौड़ी) काटें।

  • पेपर पर पेंसिल से नीचे से 2 cm की ऊँचाई पर एक सीधी रेखा खींचें — यह प्रारंभिक रेखा (origin line) होगी।

2️⃣ नमूनों को बिन्दु रूप में लगाना:

  • कैपिलरी ट्यूब या माइक्रो पिपेट से Ni²⁺, Co²⁺ और Cu²⁺ के घोल के छोटे-छोटे बिन्दु (1-2 mm) origin line पर लगाएँ।

  • बिन्दुओं को 1 cm की दूरी पर लगाएँ।

  • घोलों को सूखने दें।

3️⃣ विकसित घोलक (Mobile Phase) तैयार करना:

  • n-ब्यूटेनॉल : नाइट्रिक एसिड : पानी का मिश्रण 4:1:5 अनुपात में बनाकर जार में डालें।

  • इस मिश्रण को अच्छी तरह हिला लें।

  • जार को बंद करके 10-15 मिनट के लिए छोड़ दें, ताकि mobile phase संतुलित हो जाए।

4️⃣ पेपर का विकास (Development of chromatogram):

  • पेपर पट्टी को mobile phase में रखें।

  • origin line घोलक की सतह से ऊपर रहे।

  • जार को तुरंत बंद करें।

  • घोलक ऊपर की ओर चढ़ता जाएगा और धब्बों को खींचता जाएगा।

  • घोलक जब लगभग 15 cm ऊपर पहुँच जाए, तो पेपर को निकालें।

  • पेपर को mark कर दें कि घोलक कहाँ तक पहुँचा (solvent front)।

  • पेपर को हेयर ड्रायर या धूप में सुखाएँ।

paper chromatography experiment

5️⃣ धब्बों का पता लगाना (Spraying Reagent):

  • किसी उपयुक्त स्प्रे (जैसे dimethylglyoxime) का उपयोग करके पेपर को छिड़कें।

  • सूखने के बाद धब्बे अलग-अलग रंगों में दिखाई देंगे —

    • Ni²⁺: गुलाबी या लाल रंग

    • Co²⁺: नीला या गुलाबी

    • Cu²⁺: हरा या नीला

6️⃣ Rf मानों की गणना:

✅ प्रत्येक धब्बे के केंद्र से origin तक की दूरी नापें।
✅ solvent front तक की दूरी नापें।
✅ Rf मान निकालें —

 

Rf=धब्बे की दूरीघोलक की दूरीRf = \frac{\text{धब्बे की दूरी}}{\text{घोलक की दूरी}}

🧪 उदाहरण (Sample Observation Table):

आयन धब्बे की दूरी (cm) solvent front की दूरी (cm) Rf मान
Ni²⁺ 8.2 15 0.55
Co²⁺ 10.5 15 0.70
Cu²⁺ 12.0 15 0.80

🔬 परिणाम (Result):

  • तीनों आयनों के स्पष्ट अलग-अलग धब्बे दिखाई दिए।

  • क्रमशः Rf मान निकले: Ni²⁺ = 0.55, Co²⁺ = 0.70, Cu²⁺ = 0.80।

  • इससे सिद्ध होता है कि पेपर क्रोमैटोग्राफी द्वारा इन धातु आयनों का पृथक्करण सफलतापूर्वक हुआ।


✅ निष्कर्ष (Conclusion):

पेपर क्रोमैटोग्राफी की तकनीक ने यह प्रमाणित किया कि Ni²⁺, Co²⁺ और Cu²⁺ आयनों को घुलनशीलता और अवशोषण के अंतर से सफलतापूर्वक अलग किया जा सकता है।


⚠️ सावधानियाँ (Precautions):

  • कागज को छूने से पहले हाथ अच्छे से धो लें।

  • धब्बे बहुत बड़े न बनें।

  • जार को अच्छी तरह बंद रखें, ताकि mobile phase न उड़ जाए।

  • घोलक की ऊँचाई origin line से नीचे रहे।

  • प्रयोग करते समय दस्ताने पहनें।

BSc 2nd Year Chemistry Major 1 Important Questions 2025 —

Special Offer

“नीम के पत्तों में छिपा है एंटीबैक्टीरियल गुणों का राज!” 🌿
क्या आप जानते हैं कि नीम (Azadirachta indica) के पत्ते न केवल स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हैं, बल्कि बैक्टीरिया को भी मात देने की ताकत रखते हैं?

👩‍🔬 यह शोध, नीम के पत्तों से प्राप्त यौगिकों के प्रभावी एंटीबैक्टीरियल गुणों की गहरी जानकारी प्रदान करता है।
Dissertation Topic: “Neem (Azadirachta indica) के पत्तों से प्राप्त यौगिकों का एंटीबैक्टीरियल गुणों के लिए विश्लेषण”

📊 यह शोध न केवल रसायन विज्ञान के क्षेत्र में नई जानकारी प्रस्तुत करता है, बल्कि प्राकृतिक उपचारों को वैज्ञानिक प्रमाणों के साथ जोड़ता है।

🌱 क्या आप भी नीम के गुणों पर आधारित नये उपचारों में रुचि रखते हैं?
यह Dissertation आपके ज्ञान को नई दिशा दे सकता है।

💻 खरीदने के लिए यहाँ क्लिक करें:

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top