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what is potentiometric titration

what is potentiometric titration|विभवमिति एक विद्युत रासायनिक विधि है जिसमें किसी रासायनिक प्रतिक्रिया के दौरान उत्पन्न विद्युत विभव (EMF) को मापा जाता है। यह विधि मुख्य रूप से टाइट्रेशन में उपयोग होती है, जहां मापन द्वारा प्रतिक्रिया के अंतिम बिंदु (Equivalence Point) को सटीक रूप से निर्धारित किया जाता है।

what is potentiometric titration
what is potentiometric titration

विभवमिति द्वारा विद्युत रासायनिक मापन (Potentiometric Titration)


उद्देश्य (Objective):

इस प्रयोग का उद्देश्य विभवमिति द्वारा पोटैशियम डाइक्रोमेट (K2Cr2O7K_2Cr_2O_7) और फैरस सल्फेट (FeSO4FeSO_4) के बीच ऑक्सीकरण-अपचयन प्रतिक्रिया का अध्ययन करना और अज्ञात विलयन की सामान्यता का निर्धारण करना है।


सामग्री (Materials Required):

  1. फैरस सल्फेट (FeSO4FeSO_4) का अज्ञात विलयन
  2. पोटैशियम डाइक्रोमेट (K2Cr2O7K_2Cr_2O_7) का ज्ञात विलयन (0.1 N)
  3. अम्लीय माध्यम के लिए सल्फ्यूरिक एसिड (H2SO4H_2SO_4)
  4. विभवमापी (Potentiometer)
  5. ब्यूरेट, पिपेट और टाइट्रेशन फ्लास्क
  6. इलेक्ट्रोड: कैलोमेल इलेक्ट्रोड और प्लैटिनम इलेक्ट्रोड
  7. टाइट्रेशन स्टैंड

सिद्धांत (Principle):

इस प्रयोग में ऑक्सीकरण-अपचयन प्रतिक्रिया विभवमिति द्वारा मापी जाती है।
आधारभूत प्रतिक्रिया:

6Fe2++Cr2O72+14H+6Fe3++2Cr3++7H2O6Fe^{2+} + Cr_2O_7^{2-} + 14H^+ \rightarrow 6Fe^{3+} + 2Cr^{3+} + 7H_2O

विभवमापी में प्रतिक्रिया के दौरान बिंदु (End Point) का निर्धारण विभव (EMF) में अचानक परिवर्तन के आधार पर होता है।

नर्न्स्ट समीकरण:

E=E+0.0591nlog[ऑक्सीकृत प्रजातिअपचयित प्रजाति]E = E^\circ + \frac{0.0591}{n} \log \left[ \frac{\text{ऑक्सीकृत प्रजाति}}{\text{अपचयित प्रजाति}} \right]

यह समीकरण प्रतिक्रिया के विभव में परिवर्तन को समझाने में उपयोगी है।


प्रक्रिया (Procedure):

  1. सिस्टम सेटअप:
    • विभवमापी को कैलोमेल इलेक्ट्रोड और प्लैटिनम इलेक्ट्रोड के साथ जोड़ें।
    • ब्यूरेट को K2Cr2O7K_2Cr_2O_7के ज्ञात विलयन से भरें।
  2. नमूना तैयारी:
    • पिपेट से 10 mL FeSO4FeSO_4 का अज्ञात विलयन टाइट्रेशन फ्लास्क में लें।
    • इसमें 10 mL पतला H2SO4H_2SO_4 डालें।
  3. विभवमिति मापन:
    • K2Cr2O7K_2Cr_2O_7 का विलयन धीरे-धीरे जोड़ें और प्रत्येक 0.5 mL के अंतराल पर विभव (EMF) मापें।
    • टाइट्रेशन का अंतिम बिंदु उस स्थान पर होता है जहां विभव में अचानक वृद्धि होती है।
  4. ग्राफ निर्माण:
    • विभव (EMF) को K2Cr2O7K_2Cr_2O_7 की जोड़ी गई मात्रा के साथ प्लॉट करें।
    • अंतिम बिंदु (Equivalence Point) को ग्राफ पर दर्शाएं।

अवलोकन तालिका (Observation Table):

K2Cr2O7K_2Cr_2O_7 जोड़ी गई मात्रा (mL) विभव (EMF) (mV)
0.0 150
1.0 200
2.0 250
3.0 300
4.0 400
5.0 500

ग्राफ (Graph):

ग्राफ में K2Cr2O7K_2Cr_2O_7 की मात्रा (x-अक्ष) और EMF (y-अक्ष) को प्लॉट करें। अंतिम बिंदु पर ग्राफ में एक तेज वृद्धि दिखेगी।


गणना (Calculation):

फॉर्मूला:

N1V1=N2V2N_1 \cdot V_1 = N_2 \cdot V_2

जहाँ,

  • N1N_1 = K2Cr2O7K_2Cr_2O_7की सामान्यता (0.1 N)
  • V1V_1 = K2Cr2O7K_2Cr_2O_7का प्रयोग किया गया आयतन (4.0 mL)
  • N2N_2 = FeSO4FeSO_4 की सामान्यता (Unknown)
  • V2V_2 = FeSO4FeSO_4का आयतन (10 mL)

N2=N1V1V2N_2 = \frac{N_1 \cdot V_1}{V_2} N2=0.14.010N_2 = \frac{0.1 \cdot 4.0}{10} N2=0.04NN_2 = 0.04 \, \text{N}


परिणाम (Result):

फैरस सल्फेट (FeSO4FeSO_4) के अज्ञात विलयन की सामान्यता 0.04 N है।


सावधानियाँ (Precautions):

  1. विभवमापी को सही तरीके से कैलिब्रेट करें।
  2. इलेक्ट्रोड को टाइट्रेशन के दौरान पूरी तरह विलयन में डुबोकर रखें।
  3. K2Cr2O7K_2Cr_2O_7 के जोड़े गए आयतन को ठीक से नोट करें।
  4. ग्राफ को सटीकता से प्लॉट करें।

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