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transition elements properties/संक्रमण तत्व: परिभाषा, लक्षण और गुणों का विस्तृत वर्णन

transition elements properties/संक्रमण तत्व: परिभाषा, लक्षण और गुणों का विस्तृत वर्णन|इस लेख में संक्रमण तत्वों की परिभाषा, उनके विशेष लक्षण, इलेक्ट्रॉनिक विन्यास, प्रमुख गुण, और आवर्त सारणी में उनकी स्थिति का विस्तृत वर्णन किया गया है। d-ब्लॉक तत्वों के सामान्य गुण और संक्रमण तत्वों के विशिष्ट गुणों को भी विस्तार से समझाया गया है।

transition elements properties/संक्रमण तत्व: परिभाषा, लक्षण और गुणों का विस्तृत वर्णन

  1. संक्रमण तत्व क्या हैं? इनको संक्रमण तत्व क्यों कहते हैं? इनके इलेक्ट्रॉनिक विन्यास की क्या विशेषता है?संक्रमण तत्व वे तत्व होते हैं जिनके परमाणु या आयन में d-उपकक्ष में अधूरे इलेक्ट्रॉन होते हैं। संक्रमण तत्वों को इसलिए संक्रमण तत्व कहा जाता है क्योंकि ये d-उपकक्ष में इलेक्ट्रॉनों की उपस्थिति के कारण विभिन्न ऑक्सीकरण अवस्थाओं में पाए जाते हैं। इनके इलेक्ट्रॉनिक विन्यास में बाह्यतम n-1 d उपकक्ष में आंशिक रूप से भरे इलेक्ट्रॉन और बाह्यतम n s उपकक्ष में इलेक्ट्रॉन होते हैं। उदाहरण के लिए, लोहे (Fe) का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 3d^6 4s^2 है।
  2. संक्रमण धातुओं के विशिष्ट लक्षणों का वर्णन कीजिए तथा इनके इलेक्ट्रॉनिक विन्यास की विवेचना कीजिए।संक्रमण धातुओं के विशिष्ट लक्षण निम्नलिखित हैं:
    • उच्च तन्यता और कठोरता: संक्रमण धातुओं में उच्च तन्यता और कठोरता होती है।
    • उच्च घनत्व और गलनांक: इनका घनत्व और गलनांक सामान्य धातुओं से अधिक होता है।
    • उच्च विद्युत चालकता और तापीय चालकता: इनमें विद्युत और ताप का उच्च चालकत्व होता है।
    • विभिन्न ऑक्सीकरण अवस्थाएँ: ये तत्व विभिन्न ऑक्सीकरण अवस्थाओं में पाए जाते हैं, जैसे Fe^2+ और Fe^3+।
    • रंगीन यौगिक बनाना: संक्रमण धातुएं विभिन्न रंगीन यौगिक बनाते हैं, जैसे CuSO4 का नीला रंग।
    • उत्प्रेरक गुण: संक्रमण धातुएं रासायनिक अभिक्रियाओं में उत्प्रेरक का कार्य करती हैं, जैसे V2O5 का उपयोग सल्फर डाइऑक्साइड से सल्फर ट्राइऑक्साइड बनाने में।

    इनके इलेक्ट्रॉनिक विन्यास की विशेषता यह है कि इनमें n-1 d उपकक्ष में आंशिक रूप से भरे इलेक्ट्रॉन होते हैं, जैसे Cr का विन्यास 3d^5 4s^1 होता है।

  3. संक्रमण तत्वों के प्रमुख गुण कौन-कौन से हैं? संक्रमण तत्व द्वारा सामान्य रूप से प्रदर्शित प्रत्येक गुण को समझाइए।संक्रमण तत्वों के प्रमुख गुण निम्नलिखित हैं:
    • विभिन्न ऑक्सीकरण अवस्थाएँ: संक्रमण तत्व विभिन्न ऑक्सीकरण अवस्थाओं में होते हैं, जैसे Mn^2+, Mn^3+, Mn^4+, Mn^6+, और Mn^7+।
    • रंगीन यौगिक: संक्रमण तत्व रंगीन यौगिक बनाते हैं। उदाहरण के लिए, Fe^2+ यौगिक हरे रंग के होते हैं और Fe^3+ यौगिक पीले/भूरे रंग के होते हैं।
    • उत्प्रेरक गुण: ये तत्व रासायनिक अभिक्रियाओं में उत्प्रेरक का कार्य करते हैं। उदाहरण के लिए, Fe का उपयोग हैबेर प्रक्रिया में अमोनिया निर्माण के लिए किया जाता है।
    • उच्च विद्युत चालकता: संक्रमण धातुएं उच्च विद्युत चालकता रखती हैं, जैसे Cu (तांबा)।
    • चुंबकीय गुण: इनमें पैरामैग्नेटिक और फेरोमैग्नेटिक गुण होते हैं। जैसे Fe, Co, और Ni में फेरोमैग्नेटिक गुण होते हैं।
  4. d-ब्लॉक तत्वों के सामान्य गुणों का वर्णन कीजिए।d-ब्लॉक तत्वों के सामान्य गुण निम्नलिखित हैं:
    • धात्विक प्रकृति: ये सभी तत्व धातु होते हैं और उनमें धातु के सभी सामान्य गुण होते हैं, जैसे धात्विक चमक, तन्यता, और कठोरता।
    • उच्च घनत्व और गलनांक: इन तत्वों में उच्च घनत्व और उच्च गलनांक होते हैं।
    • उच्च विद्युत और ताप चालकता: d-ब्लॉक तत्व अच्छे विद्युत और ताप चालक होते हैं।
    • विभिन्न ऑक्सीकरण अवस्थाएँ: ये तत्व विभिन्न ऑक्सीकरण अवस्थाओं में पाए जाते हैं, जो इन्हें रासायनिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बनाते हैं।
    • रंगीन यौगिक: d-ब्लॉक तत्व रंगीन यौगिक बनाते हैं जो विशिष्ट रंगों में होते हैं।
    • उत्प्रेरक गुण: ये तत्व रासायनिक अभिक्रियाओं में उत्प्रेरक के रूप में कार्य करते हैं।
    • चुंबकीय गुण: इनमें चुंबकीय गुण होते हैं, जैसे पैरामैग्नेटिक और फेरोमैग्नेटिक।
  5. आवर्त सारणी में संक्रमण तत्वों का क्या स्थान है? उनके गुणों का वर्णन कीजिए।आवर्त सारणी में संक्रमण तत्व d-ब्लॉक में स्थित होते हैं, जो कि समूह 3 से 12 तक होते हैं। इन तत्वों के गुण निम्नलिखित हैं:
    • धात्विक प्रकृति: संक्रमण तत्व धात्विक गुण प्रदर्शित करते हैं, जैसे धात्विक चमक, तन्यता, और कठोरता।
    • उच्च गलनांक और क्वथनांक: संक्रमण तत्वों में उच्च गलनांक और क्वथनांक होते हैं।
    • विभिन्न ऑक्सीकरण अवस्थाएँ: संक्रमण तत्व विभिन्न ऑक्सीकरण अवस्थाओं में पाए जाते हैं, जैसे Mn^2+, Mn^3+, Mn^4+, Mn^6+, और Mn^7+।
    • रंगीन यौगिक: संक्रमण तत्व रंगीन यौगिक बनाते हैं, जैसे Cr2O3 का हरा रंग और KMnO4 का गहरा बैंगनी रंग।
    • उत्प्रेरक गुण: ये तत्व विभिन्न रासायनिक अभिक्रियाओं में उत्प्रेरक का कार्य करते हैं, जैसे Fe का उपयोग हैबेर प्रक्रिया में अमोनिया निर्माण के लिए किया जाता है।
    • चुंबकीय गुण: संक्रमण तत्वों में चुंबकीय गुण होते हैं, जैसे Fe, Co, और Ni में फेरोमैग्नेटिक गुण होते हैं।
    • उच्च विद्युत चालकता: संक्रमण तत्वों में उच्च विद्युत चालकता होती है, जैसे Cu (तांबा) और Ag (चांदी)।

इन उत्तरों से संक्रमण तत्वों के सभी महत्वपूर्ण गुण और उनके विभिन्न पहलुओं की विस्तृत जानकारी मिलती है।

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