Tetra Amine Copper(II) Sulphate Complex
1 टेट्रा एमिन कॉपर(II)सल्फेट मोनो हाइड्रेट संकुल बनाना
टेट्रा एमिन कॉपर(II)सल्फेट मोनो हाइड्रेट संकुल बनाना
Required Apparatus and Materials:-
बीकर,पिपेट,ग्लास रॉड,ड्रोपिंग फनेल,डिस्टिल्ड वाटर,वाटरबाथ, कॉपर सल्फेट ,अमोनिया विलयन ,एथिलअल्कोहल इत्यादि
Principle:-
जब कप्रिक सल्फेट के घोल में अमोनियम हाइड्रॉक्साइड घोल मिलाया जाता है, तो कप्रिक हाइड्रॉक्साइड अवक्षेपित होता है जो अमोनिया की अधिकता में घुल कर गहरे नीले रंग का घोल देता है। एथिल अल्कोहल मिलाने पर हाइड्रेटेड टेट्रा एमिन कप्रिक सल्फेट अवक्षेपित होता हैं.
CuSO4 + 4NH4OH———->[Cu(NH3)4]SO4.4H2O
Reagent:-
कॉपर सल्फेट = 5 gm
लिकर अमोनिया = 10ml
एथिल अल्कोहल =15 ml
procedure:-
250 ml के बीकर में 2.5 gm CuSO4 लेकर उसे डिस्टिल्ड वाटर की न्यूनतम मात्रा में विलय करते हैं.उसके पश्चात अमोनिया solution ड्राप by ड्राप तब तक घोलते हैं.जब तक की ppt पुन: घुल न जाये.और स्वच्छ विलयन प्राप्त न हो.जिसमे अमोनिया की गंध आती हैं.
इस बीकर में एक अन्य कीप की सहायता से एथिल अल्कोहल तब तक डालते हैं.जब तक कि नीला रंग लुप्त नहीं हो जाये.बीकर को वाच ग्लास से ढंककर वाटर बाथ पर रखकर लगभग 60-70डिग्री तापमान के बीच 20-30 मिनट तक गर्म करते हैं.
उसके पश्चात बीकर को वाटर बाथ से हटाकर कुछ समय खुला छोड़ दिया जाता हैं.टेट्रा एमिन कप्रिक सल्फेट के नीले रंग के क्रिस्टल प्र[प्राप्त होते हैं.इसे छानकर सुखा लेते हैंफिर इसे तोल लेते हैं.
परिणाम:-
टेट्रा एमिन कप्रिक सल्फेट का भार=3 gm हैं.
Tetra Amine Copper(II) Sulphate Complex
FAQ
(1)tetra amine copper 2 sulphate formula
टेट्रा एमीन कॉपर (II) सल्फेट का रासायनिक सूत्र
होता है। इसे टेट्रा एमीन कॉपर (II) सल्फेट कहा जाता है क्योंकि इसमें एक कॉपर आयन
होता है जो चार अमोनिया
अणुओं के साथ समन्वय (कोऑर्डिनेशन) बनाता है, और इसके साथ एक सल्फेट आयन
होता है।
Tetra Amine Copper(II) Sulphate Complex
(2)tetra amine copper 2 sulphate
Tetra Amine Copper(II) Sulphate Complex
(3)tetra amine copper 2 sulphate structure
रासायनिक संरचना और सूत्र:
टेट्रा अमाइन कॉपर (II) सल्फेट का रासायनिक सूत्र
है। इस यौगिक में एक कॉपर (II) आयन (Cu²⁺) के साथ चार अमोनिया (NH₃) अणु और एक सल्फेट आयन (SO₄²⁻) जुड़े होते हैं।
संरचना:
- कॉपर आयन (Cu²⁺): कॉपर आयन यौगिक के केंद्र में स्थित होता है और धनात्मक आवेशित होता है।
- अमोनिया अणु (NH₃): चार अमोनिया अणु कॉपर आयन के चारों ओर संलग्न होते हैं। ये अमोनिया अणु कॉपर आयन के साथ समन्वय बंध (coordination bond) बनाते हैं। प्रत्येक अमोनिया अणु का नाइट्रोजन परमाणु अपने अकेले इलेक्ट्रॉन जोड़े (lone pair) को कॉपर आयन के साथ साझा करता है।
- सल्फेट आयन (SO₄²⁻): सल्फेट आयन पूरे यौगिक को संतुलित करता है और दो नकारात्मक आवेशों को संतुलित करने के लिए उपस्थित होता है। यह आयन यौगिक की बाहरी परत में स्थित होता है और सीधे कॉपर आयन से नहीं जुड़ा होता है।
Tetra Amine Copper(II) Sulphate Complex
(4)tetra amine copper sulphate formula
टेट्रा अमाइन कॉपर सल्फेट का रासायनिक सूत्र
है।
इसमें निम्नलिखित तत्व और अणु शामिल हैं:
: कॉपर आयन (Cu²⁺)
: अमोनिया अणु (चार अमोनिया अणु)
: सल्फेट आयन (SO₄²⁻)
इस यौगिक में, चार अमोनिया अणु एक कॉपर आयन से जुड़े होते हैं और यह पूरा यौगिक सल्फेट आयन के साथ मिलकर (4) टेट्रा अमाइन कॉपर सल्फेट का निर्माण करता है।
Tetra Amine Copper(II) Sulphate Complex
(5)tetra amine copper sulphate structure
रासायनिक संरचना और सूत्र:
टेट्रा अमाइन कॉपर सल्फेट का रासायनिक सूत्र
है। इस यौगिक में एक कॉपर (II) आयन (Cu²⁺) के साथ चार अमोनिया (NH₃) अणु और एक सल्फेट आयन (SO₄²⁻) जुड़े होते हैं।
Tetra Amine Copper(II) Sulphate Complex
(6)tetra amine cupric sulphate
रासायनिक संरचना और सूत्र:
टेट्रा अमाइन क्यूप्रिक सल्फेट एक समन्वय यौगिक है जिसमें एक कॉपर (II) आयन (Cu²⁺) के साथ चार अमोनिया (NH₃) अणु और एक सल्फेट आयन (SO₄²⁻) जुड़े होते हैं। इसका रासायनिक सूत्र
है।
विशेषताएँ:
- रंग और रूप: यह गहरे नीले रंग का क्रिस्टलीय पदार्थ होता है।
- जल में घुलनशीलता: यह यौगिक पानी में आसानी से घुल जाता है।
- संरचना: इसमें कॉपर आयन चार अमोनिया अणुओं से घिरा होता है, जो एक समन्वय यौगिक की विशेषता होती है।
- उपयोग:
- विश्लेषणात्मक रसायनशास्त्र में कॉपर आयनों की पहचान और पृथक्करण में इसका उपयोग होता है।
- औद्योगिक प्रक्रियाओं में भी इसका उपयोग किया जाता है।
- प्राप्ति: इसे आमतौर पर कॉपर (II) सल्फेट और अमोनिया के जल विलयन को मिलाकर तैयार किया जाता है।
सावधानियाँ:
- इसे संभालते समय सुरक्षात्मक दस्ताने और चश्मे का उपयोग करना चाहिए क्योंकि यह संवेदनशील त्वचा और आंखों में जलन पैदा कर सकता है।
- इसे बच्चों की पहुँच से दूर और सूखी, ठंडी जगह पर स्टोर करना चाहिए।
Tetra Amine Copper(II) Sulphate Complex
उपयोग और महत्व:
टेट्रा अमाइन क्यूप्रिक सल्फेट रसायनशास्त्र में शिक्षा और अनुसंधान के लिए महत्वपूर्ण है। यह समन्वय यौगिकों के गुण और प्रतिक्रियाओं को समझने के लिए एक आदर्श उदाहरण है। इसके अलावा, इसका उपयोग विभिन्न रासायनिक विश्लेषणों और औद्योगिक प्रक्रियाओं में भी होता है।
इस प्रकार, टेट्रा अमाइन क्यूप्रिक सल्फेट रसायनशास्त्र के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण यौगिक है, जिसका विभिन्न अनुप्रयोगों में उपयोग होता है और यह रासायनिक प्रक्रियाओं को समझने और संचालित करने में सहायक होता है।
Tetra Amine Copper(II) Sulphate Complex
(7)tetra amine copper
टेट्रा अमाइन कॉपर एक समन्वय यौगिक (coordination compound) है जिसमें कॉपर आयन (Cu²⁺) चार अमोनिया (NH₃) अणुओं से जुड़ा होता है। इसका सामान्य रासायनिक सूत्र [Cu(NH₃)₄]²⁺ है।
विशेषताएँ:
- रंग और रूप: यह यौगिक गहरे नीले रंग का होता है।
- जल में घुलनशीलता: यह पानी में घुलनशील होता है, जो इसे कई रासायनिक प्रक्रियाओं में उपयोगी बनाता है।
- संरचना: इसमें कॉपर आयन केंद्र में होता है और चार अमोनिया अणु उसे चारों तरफ से घेरे रहते हैं। यह जटिल यौगिक एक समन्वय यौगिक का अच्छा उदाहरण है।
- आवेदन:
- विश्लेषणात्मक रसायनशास्त्र में इस यौगिक का उपयोग अक्सर कॉपर आयनों की पहचान और मात्रा निर्धारण के लिए किया जाता है।
- इसका उपयोग कुछ औद्योगिक प्रक्रियाओं में भी होता है, जहां विशिष्ट रासायनिक प्रतिक्रियाओं की आवश्यकता होती है।
Tetra Amine Copper(II) Sulphate Complex
सावधानियाँ:
- टेट्रा अमाइन कॉपर को संभालते समय सुरक्षात्मक दस्ताने और आंखों की सुरक्षा का उपयोग करना चाहिए क्योंकि यह त्वचा और आंखों में जलन पैदा कर सकता है।
- इस यौगिक को बच्चों की पहुँच से दूर और सूखी, ठंडी जगह पर स्टोर करना चाहिए।
उपयोग और महत्व:
टेट्रा अमाइन कॉपर (II) सल्फेट जैसे यौगिकों के निर्माण में इसका विशेष महत्व है। यह यौगिक रसायनशास्त्र में शिक्षा और अनुसंधान दोनों में अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह समन्वय यौगिकों के गुण और प्रतिक्रियाओं को समझने के लिए एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करता है।
इस प्रकार, टेट्रा अमाइन कॉपर रसायनशास्त्र के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण यौगिक है, जिसका विभिन्न अनुप्रयोगों में उपयोग होता है और यह रासायनिक प्रक्रियाओं को समझने और संचालित करने में सहायक होता है।