explain vsepr theory.VSEPR सिद्धांत के उदाहरण: VSEPR सिद्धांत के 10 महत्वपूर्ण उदाहरणों के बारे में जानें। इसमें प्रत्येक अणु की संरचना, इलेक्ट्रॉन जोड़े, आकार और बॉन्ड कोण शामिल हैं। तालिका और इन्फोग्राफिक के साथ विस्तृत विवरण प्राप्त करें।
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वैलेंस शेल इलेक्ट्रॉन पेयर रिपल्शन (VSEPR) सिद्धांत के बारे में पूरी शोध के अनुसार निम्नलिखित मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:
- मुख्य सिद्धांत: VSEPR सिद्धांत के अनुसार, अणु की ज्यामिति वैलेंस शेल में इलेक्ट्रॉनों के जोड़े के बीच के प्रतिकर्षण पर निर्भर करती है। इलेक्ट्रॉनों के ये जोड़े एक दूसरे से अधिकतम दूरी पर स्थित होते हैं ताकि प्रतिकर्षण न्यूनतम हो सके।
- इलेक्ट्रॉन जोड़े के प्रकार: इलेक्ट्रॉन जोड़े दो प्रकार के होते हैं – बंधन वाले इलेक्ट्रॉन जोड़े (Bonding Electron Pairs) और अकेले जोड़े (Lone Pairs)। बंधन वाले जोड़े नाभिक के बीच होते हैं जबकि अकेले जोड़े केवल एक ही नाभिक से जुड़े होते हैं।
- जोड़ी-जोड़ी प्रतिकर्षण: अकेले जोड़े और बंधन वाले जोड़े के बीच का प्रतिकर्षण अलग-अलग होता है:
- अकेला जोड़ा-अकेला जोड़ा (Lone Pair-Lone Pair) प्रतिकर्षण सबसे अधिक होता है।
- अकेला जोड़ा-बंधन जोड़ा (Lone Pair-Bond Pair) प्रतिकर्षण उससे कम होता है।
- बंधन जोड़ा-बंधन जोड़ा (Bond Pair-Bond Pair) प्रतिकर्षण सबसे कम होता है।
- आकार का निर्धारण: इलेक्ट्रॉन जोड़े की कुल संख्या और उनके बीच के प्रतिकर्षण के आधार पर अणु की ज्यामिति निर्धारित होती है। उदाहरण के लिए:
- यदि 2 इलेक्ट्रॉन जोड़े हैं, तो आकार रेखीय (Linear) होता है।
- यदि 3 इलेक्ट्रॉन जोड़े हैं, तो आकार त्रिकोणीय समतल (Trigonal Planar) होता है।
- यदि 4 इलेक्ट्रॉन जोड़े हैं, तो आकार चतुष्फलकी (Tetrahedral) होता है।
- हाइब्रिडाइजेशन और ज्यामिति: अणु की ज्यामिति को हाइब्रिडाइजेशन की अवधारणा के साथ भी समझा जा सकता है। उदाहरण के लिए, sp³ हाइब्रिडाइजेशन से चतुष्फलकी (Tetrahedral) आकार बनता है।
- प्रतिकर्षण का प्रभाव: अकेले जोड़े की उपस्थिति अणु की ज्यामिति को विकृत कर सकती है। जैसे, अमोनिया (NH₃) में नाइट्रोजन पर एक अकेला जोड़ा होता है जो त्रिकोणीय पिरामिडल (Trigonal Pyramidal) आकार बनाता है, जबकि पानी (H₂O) में दो अकेले जोड़े होते हैं जो वक्रित (Bent) आकार बनाते हैं।
- सटीक अनुमान: VSEPR सिद्धांत से अणु की सटीक त्रिविमीय संरचना का अनुमान लगाया जा सकता है, जिससे रासायनिक और भौतिक गुणों को समझने में सहायता मिलती है।
ये बिंदु VSEPR सिद्धांत को संक्षेप में समझाते हैं और यह बताते हैं कि अणुओं की संरचना इलेक्ट्रॉनों के प्रतिकर्षण पर कैसे निर्भर करती है।
यहां VSEPR सिद्धांत के दस महत्वपूर्ण उदाहरण दिए जा रहे हैं, जो विभिन्न अणुओं की ज्यामिति को स्पष्ट करते हैं:
- BeCl₂ (बेरेलियम क्लोराइड):
- इलेक्ट्रॉन जोड़े: 2
- आकार: रेखीय (Linear)
- बॉन्ड कोण: 180°
- BF₃ (बोरॉन ट्राइफ्लोराइड):
- इलेक्ट्रॉन जोड़े: 3
- आकार: त्रिकोणीय समतल (Trigonal Planar)
- बॉन्ड कोण: 120°
- CH₄ (मीथेन):
- इलेक्ट्रॉन जोड़े: 4
- आकार: चतुष्फलकी (Tetrahedral)
- बॉन्ड कोण: 109.5°
- NH₃ (अमोनिया):
- इलेक्ट्रॉन जोड़े: 4 (3 बंधन जोड़े, 1 अकेला जोड़ा)
- आकार: त्रिकोणीय पिरामिडल (Trigonal Pyramidal)
- बॉन्ड कोण: 107°
- H₂O (पानी):
- इलेक्ट्रॉन जोड़े: 4 (2 बंधन जोड़े, 2 अकेला जोड़ा)
- आकार: वक्रित (Bent)
- बॉन्ड कोण: 104.5°
- PCl₅ (फॉस्फोरस पेंटाक्लोराइड):
- इलेक्ट्रॉन जोड़े: 5
- आकार: त्रिकोणीय द्विपिरामिडल (Trigonal Bipyramidal)
- बॉन्ड कोण: 90°, 120°, और 180°
- SF₆ (सल्फर हेक्साफ्लोराइड):
- इलेक्ट्रॉन जोड़े: 6
- आकार: चतुष्फलकी द्विपिरामिडल (Octahedral)
- बॉन्ड कोण: 90°
- XeF₂ (जेनॉन डाइफ्लोराइड):
- इलेक्ट्रॉन जोड़े: 5 (2 बंधन जोड़े, 3 अकेला जोड़ा)
- आकार: रेखीय (Linear)
- बॉन्ड कोण: 180°
- ClF₃ (क्लोरीन ट्राइफ्लोराइड):
- इलेक्ट्रॉन जोड़े: 5 (3 बंधन जोड़े, 2 अकेला जोड़ा)
- आकार: T-आकार (T-shaped)
- बॉन्ड कोण: 90°, 180°
- SF₄ (सल्फर टेट्राफ्लोराइड):
- इलेक्ट्रॉन जोड़े: 5 (4 बंधन जोड़े, 1 अकेला जोड़ा)
- आकार: विकृत त्रिकोणीय द्विपिरामिडल (See-Saw)
- बॉन्ड कोण: 90°, 120°, और 180°
इन उदाहरणों से यह स्पष्ट होता है कि VSEPR सिद्धांत का प्रयोग करके अणुओं की संरचना और उनके बॉन्ड कोण को सही तरीके से समझा जा सकता है।
यहाँ VSEPR सिद्धांत के दस महत्वपूर्ण उदाहरणों का विस्तार से वर्णन किया गया है:
- BeCl₂ (बेरेलियम क्लोराइड):
- इलेक्ट्रॉन जोड़े: बेरेलियम के चारों ओर 2 बंधन जोड़े हैं।
- आकार: रेखीय (Linear)
- बॉन्ड कोण: 180°
- विवरण: बेरेलियम केंद्र में है और दो क्लोरीन परमाणु सीधे रेखा में स्थित हैं, जिससे अणु का आकार रेखीय होता है।
- BF₃ (बोरॉन ट्राइफ्लोराइड):
- इलेक्ट्रॉन जोड़े: बोरॉन के चारों ओर 3 बंधन जोड़े हैं।
- आकार: त्रिकोणीय समतल (Trigonal Planar)
- बॉन्ड कोण: 120°
- विवरण: बोरॉन केंद्र में है और तीन फ्लोरीन परमाणु एक समतल त्रिभुज के कोनों पर स्थित हैं।
- CH₄ (मीथेन):
- इलेक्ट्रॉन जोड़े: कार्बन के चारों ओर 4 बंधन जोड़े हैं।
- आकार: चतुष्फलकी (Tetrahedral)
- बॉन्ड कोण: 109.5°
- विवरण: कार्बन केंद्र में है और चार हाइड्रोजन परमाणु एक चतुष्फलकी संरचना बनाते हैं।
- NH₃ (अमोनिया):
- इलेक्ट्रॉन जोड़े: नाइट्रोजन के चारों ओर 4 जोड़े (3 बंधन जोड़े, 1 अकेला जोड़ा) हैं।
- आकार: त्रिकोणीय पिरामिडल (Trigonal Pyramidal)
- बॉन्ड कोण: 107°
- विवरण: नाइट्रोजन केंद्र में है और तीन हाइड्रोजन परमाणु एक त्रिकोणीय पिरामिडल संरचना बनाते हैं, जबकि अकेला जोड़ा शीर्ष पर होता है।
- H₂O (पानी):
- इलेक्ट्रॉन जोड़े: ऑक्सीजन के चारों ओर 4 जोड़े (2 बंधन जोड़े, 2 अकेला जोड़ा) हैं।
- आकार: वक्रित (Bent)
- बॉन्ड कोण: 104.5°
- विवरण: ऑक्सीजन केंद्र में है और दो हाइड्रोजन परमाणु एक वक्रित संरचना बनाते हैं, जबकि दो अकेला जोड़े ऊपर की ओर स्थित होते हैं।
- PCl₅ (फॉस्फोरस पेंटाक्लोराइड):
- इलेक्ट्रॉन जोड़े: फॉस्फोरस के चारों ओर 5 बंधन जोड़े हैं।
- आकार: त्रिकोणीय द्विपिरामिडल (Trigonal Bipyramidal)
- बॉन्ड कोण: 90°, 120°, और 180°
- विवरण: फॉस्फोरस केंद्र में है और पांच क्लोरीन परमाणु त्रिकोणीय द्विपिरामिडल संरचना बनाते हैं, तीन समतल में और दो अक्षीय स्थिति में होते हैं।
- SF₆ (सल्फर हेक्साफ्लोराइड):
- इलेक्ट्रॉन जोड़े: सल्फर के चारों ओर 6 बंधन जोड़े हैं।
- आकार: चतुष्फलकी द्विपिरामिडल (Octahedral)
- बॉन्ड कोण: 90°
- विवरण: सल्फर केंद्र में है और छह फ्लोरीन परमाणु एक चतुष्फलकी द्विपिरामिडल संरचना बनाते हैं, चार समतल में और दो ऊपर और नीचे स्थित होते हैं।
- XeF₂ (जेनॉन डाइफ्लोराइड):
- इलेक्ट्रॉन जोड़े: जेनॉन के चारों ओर 5 जोड़े (2 बंधन जोड़े, 3 अकेला जोड़ा) हैं।
- आकार: रेखीय (Linear)
- बॉन्ड कोण: 180°
- विवरण: जेनॉन केंद्र में है और दो फ्लोरीन परमाणु सीधे रेखा में स्थित हैं, जबकि तीन अकेला जोड़े त्रिकोणीय द्विपिरामिडल संरचना में स्थित होते हैं।
- ClF₃ (क्लोरीन ट्राइफ्लोराइड):
- इलेक्ट्रॉन जोड़े: क्लोरीन के चारों ओर 5 जोड़े (3 बंधन जोड़े, 2 अकेला जोड़ा) हैं।
- आकार: T-आकार (T-shaped)
- बॉन्ड कोण: 90°, 180°
- विवरण: क्लोरीन केंद्र में है और तीन फ्लोरीन परमाणु T-आकार की संरचना बनाते हैं, जबकि दो अकेला जोड़े विकर्ण स्थिति में होते हैं।
- SF₄ (सल्फर टेट्राफ्लोराइड):
- इलेक्ट्रॉन जोड़े: सल्फर के चारों ओर 5 जोड़े (4 बंधन जोड़े, 1 अकेला जोड़ा) हैं।
- आकार: विकृत त्रिकोणीय द्विपिरामिडल (See-Saw)
- बॉन्ड कोण: 90°, 120°, और 180°
- विवरण: सल्फर केंद्र में है और चार फ्लोरीन परमाणु विकृत त्रिकोणीय द्विपिरामिडल संरचना बनाते हैं, जबकि एक अकेला जोड़ा विकर्ण स्थिति में होता है।
इन उदाहरणों से यह स्पष्ट होता है कि VSEPR सिद्धांत के अनुसार अणुओं की ज्यामिति और बॉन्ड कोण कैसे निर्धारित किए जाते हैं।
यहाँ VSEPR सिद्धांत के दस महत्वपूर्ण उदाहरणों को तालिका और इन्फोग्राफिक के साथ समझाया गया है:
तालिका: VSEPR सिद्धांत के उदाहरण
अणु | इलेक्ट्रॉन जोड़े | आकार | बॉन्ड कोण | विवरण |
---|---|---|---|---|
BeCl₂ | 2 बंधन जोड़े | रेखीय (Linear) | 180° | बेरेलियम के चारों ओर दो क्लोरीन परमाणु सीधे रेखा में होते हैं। |
BF₃ | 3 बंधन जोड़े | त्रिकोणीय समतल (Trigonal Planar) | 120° | बोरॉन के चारों ओर तीन फ्लोरीन परमाणु समतल त्रिभुज बनाते हैं। |
CH₄ | 4 बंधन जोड़े | चतुष्फलकी (Tetrahedral) | 109.5° | कार्बन के चारों ओर चार हाइड्रोजन परमाणु चतुष्फलकी संरचना बनाते हैं। |
NH₃ | 3 बंधन जोड़े, 1 अकेला जोड़ा | त्रिकोणीय पिरामिडल (Trigonal Pyramidal) | 107° | नाइट्रोजन के चारों ओर तीन हाइड्रोजन परमाणु त्रिकोणीय पिरामिडल बनाते हैं। |
H₂O | 2 बंधन जोड़े, 2 अकेला जोड़ा | वक्रित (Bent) | 104.5° | ऑक्सीजन के चारों ओर दो हाइड्रोजन परमाणु वक्रित संरचना बनाते हैं। |
PCl₅ | 5 बंधन जोड़े | त्रिकोणीय द्विपिरामिडल (Trigonal Bipyramidal) | 90°, 120°, 180° | फॉस्फोरस के चारों ओर पांच क्लोरीन परमाणु त्रिकोणीय द्विपिरामिडल बनाते हैं। |
SF₆ | 6 बंधन जोड़े | चतुष्फलकी द्विपिरामिडल (Octahedral) | 90° | सल्फर के चारों ओर छह फ्लोरीन परमाणु चतुष्फलकी द्विपिरामिडल बनाते हैं। |
XeF₂ | 2 बंधन जोड़े, 3 अकेला जोड़ा | रेखीय (Linear) | 180° | जेनॉन के चारों ओर दो फ्लोरीन परमाणु रेखीय बनाते हैं। |
ClF₃ | 3 बंधन जोड़े, 2 अकेला जोड़ा | T-आकार (T-shaped) | 90°, 180° | क्लोरीन के चारों ओर तीन फ्लोरीन परमाणु T-आकार बनाते हैं। |
SF₄ | 4 बंधन जोड़े, 1 अकेला जोड़ा | विकृत त्रिकोणीय द्विपिरामिडल (See-Saw) | 90°, 120°, 180° | सल्फर के चारों ओर चार फ्लोरीन परमाणु विकृत त्रिकोणीय द्विपिरामिडल बनाते हैं। |