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thermodynamic process ऊष्मागतिकी के प्रश्न-पत्र के विस्तृत समाधान

thermodynamic process ऊष्मागतिकी के प्रश्न-पत्र के विस्तृत समाधान|इस लेख में ऊष्मागतिकी के विभिन्न प्रश्नों के विस्तृत समाधान दिए गए हैं। यहाँ प्रश्न 1 से 11 तक के उत्तर, उदाहरण, समीकरण, और सिद्धांतों का विस्तार से वर्णन किया गया है, जो रसायन विज्ञान और भौतिकी के छात्रों के लिए सहायक हो सकते हैं।

thermodynamic process ऊष्मागतिकी के प्रश्न-पत्र के विस्तृत समाधान

प्रश्न 1:

निम्नलिखित में अंतर स्पष्ट कीजिए—

(i) अवस्था फलन एवं पथ फलन
(ii) विशिष्ट ऊष्मा एवं ऊष्माधारिता
(iii) ऊष्माघूर्णी और ऊष्माभौतिकी प्रक्रम

उत्तर:

(i) अवस्था फलन एवं पथ फलन:

  • अवस्था फलन: यह वह गुण होते हैं जो किसी तंत्र की वर्तमान अवस्था पर निर्भर करते हैं, जैसे कि तापमान, दाब, आंतरिक ऊर्जा आदि।
  • पथ फलन: यह वह गुण होते हैं जो तंत्र को एक अवस्था से दूसरी अवस्था में ले जाने के लिए अपनाए गए पथ पर निर्भर करते हैं, जैसे कि कार्य और ऊष्मा।

(ii) विशिष्ट ऊष्मा एवं ऊष्माधारिता:

  • विशिष्ट ऊष्मा (Specific Heat): यह वह मात्रा होती है जो एक ग्राम पदार्थ का तापमान 1°C बढ़ाने के लिए आवश्यक होती है।
  • ऊष्माधारिता (Heat Capacity): यह वह मात्रा होती है जो किसी पदार्थ का तापमान 1°C बढ़ाने के लिए आवश्यक होती है।

(iii) ऊष्माघूर्णी और ऊष्माभौतिकी प्रक्रम:

  • ऊष्माघूर्णी प्रक्रम (Adiabatic Process): इसमें तंत्र और उसके आस-पास के बीच कोई ऊष्मा का आदान-प्रदान नहीं होता है।
  • ऊष्माभौतिकी प्रक्रम (Isothermal Process): इसमें तंत्र का तापमान स्थिर रहता है और ऊष्मा का आदान-प्रदान हो सकता है।

प्रश्न 2:

ऊष्मागतिकी के प्रथम नियम को विभिन्न स्पष्टीकरण तरीकों से लिखिए एवं समझाइए। प्रथम नियम का गणितीय व्यंजक की व्युत्पत्ति कीजिए।

उत्तर:

ऊष्मागतिकी का प्रथम नियम: ऊर्जा का संरक्षण सिद्धांत यह कहता है कि ऊर्जा न तो उत्पन्न की जा सकती है और न ही नष्ट की जा सकती है, यह केवल एक रूप से दूसरे रूप में परिवर्तित हो सकती है।

गणितीय व्यंजक:
ΔU=QW\Delta U = Q – W
जहाँ,
ΔU\Delta U = आंतरिक ऊर्जा में परिवर्तन
QQ = तंत्र में दी गई ऊष्मा
WW = तंत्र द्वारा किया गया कार्य

प्रश्न 3:

ऊष्माधारिता का क्या तात्पर्य है? स्थिर आयतन तथा स्थिर दाब पर किसी तंत्र की ऊष्माधारिता के लिए गणितीय व्यंजक निरूपित कीजिए। सिद्ध कीजिए कि CpCv=RC_p – C_v = R

उत्तर:

ऊष्माधारिता: यह किसी पदार्थ की ऊष्मा को अवशोषित करने की क्षमता को दर्शाती है।

  • स्थिर आयतन पर ऊष्माधारिता (CvC_v): यह वह ऊष्मा है जो तंत्र को स्थिर आयतन पर तापमान 1°C बढ़ाने के लिए आवश्यक होती है।
  • स्थिर दाब पर ऊष्माधारिता (CpC_p): यह वह ऊष्मा है जो तंत्र को स्थिर दाब पर तापमान 1°C बढ़ाने के लिए आवश्यक होती है।

सिद्ध करना कि CpCv=RC_p – C_v = R:

तापीय समीकरण: Cp=(QT)PC_p = \left(\frac{\partial Q}{\partial T}\right)_P Cv=(QT)VC_v = \left(\frac{\partial Q}{\partial T}\right)_V

गैसों के लिए: CpCv=nRC_p – C_v = nR

जहाँ nn मोल संख्या है, एक मोल के लिए: CpCv=RC_p – C_v = R

प्रश्न 4:

जूल-थॉमसन प्रभाव (Joule-Thomson effect) क्या है? दर्शाइए कि आदर्श गैस के लिए जूल-थॉमसन गुणांक का मान शून्य होता है। जूल-थॉमसन ताप की परिभाषा लिखिए।

उत्तर:

जूल-थॉमसन प्रभाव: यह वह प्रभाव है जिसमें किसी गैस का तापमान बदलता है जब उसे स्थिर एन्थैलपी पर एक छिद्र से गुजराया जाता है।

आदर्श गैस के लिए जूल-थॉमसन गुणांक का मान शून्य होता है:
आदर्श गैसों के लिए, आंतरिक ऊर्जा केवल तापमान पर निर्भर करती है। इसलिए, जब आदर्श गैसें छिद्र से गुजरती हैं, तो उनका तापमान स्थिर रहता है।

जूल-थॉमसन ताप: यह वह तापमान होता है जिस पर जूल-थॉमसन गुणांक शून्य होता है, अर्थात गैस का तापमान परिवर्तित नहीं होता।

प्रश्न 5:

जूल-थॉमसन प्रभाव से क्या तात्पर्य है? सस्सन डॉट प्रयोग का वर्णन कीजिए।

उत्तर:

जूल-थॉमसन प्रभाव: जैसा कि ऊपर वर्णित है, यह प्रभाव गैस के तापमान परिवर्तन को स्थिर एन्थैलपी पर दर्शाता है।

सस्सन डॉट प्रयोग: इस प्रयोग में, एक उच्च दाब वाले कंटेनर से गैस को छोटे छिद्र से निकाल कर एक निम्न दाब वाले कंटेनर में प्रवेश कराया जाता है और तापमान परिवर्तन को मापा जाता है।

प्रश्न 6:

जूल-थॉमसन गुणांक क्या है? एक आदर्श गैस के लिए इसका मान निकालिए।

उत्तर:

जूल-थॉमसन गुणांक: यह गुणांक गैस के तापमान परिवर्तन को उसके दबाव परिवर्तन के प्रति संवेदनशीलता को दर्शाता है।

μ=(TP)H\mu = \left(\frac{\partial T}{\partial P}\right)_H

आदर्श गैस के लिए, यह गुणांक शून्य होता है क्योंकि आदर्श गैसों के लिए तापमान और दाब का संबंध निरंतर रहता है।

प्रश्न 7:

निम्नलिखित की विशेष स्पष्ट कीजिए—

(i) ऊष्माघूर्णी व अनुष्माघूर्णी प्रक्रम
(ii) समतापीय व समदाबीय प्रक्रम
(iii) एन्थैलपी व आंतरिक ऊर्जा
(iv) विरलत्व एवं गहन गुण

उत्तर:

(i) ऊष्माघूर्णी व अनुष्माघूर्णी प्रक्रम:

  • ऊष्माघूर्णी (Adiabatic) प्रक्रम: ऊष्मा का कोई आदान-प्रदान नहीं होता।
  • अनुष्माघूर्णी (Diathermic) प्रक्रम: ऊष्मा का आदान-प्रदान होता है।

(ii) समतापीय व समदाबीय प्रक्रम:

  • समतापीय (Isothermal) प्रक्रम: तापमान स्थिर रहता है।
  • समदाबीय (Isobaric) प्रक्रम: दाब स्थिर रहता है।

(iii) एन्थैलपी व आंतरिक ऊर्जा:

  • एन्थैलपी (Enthalpy): H=U+PVH = U + PV
  • आंतरिक ऊर्जा (Internal Energy): UU

(iv) विरलत्व एवं गहन गुण:

  • विरलत्व (Extensive Properties): तंत्र के पदार्थ की मात्रा पर निर्भर, जैसे द्रव्यमान, आयतन।
  • गहन गुण (Intensive Properties): तंत्र की मात्रा पर निर्भर नहीं, जैसे तापमान, दाब।

प्रश्न 8:

जूल-थॉमसन प्रभाव पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।

उत्तर: जूल-थॉमसन प्रभाव एक ऊष्मागतिकी प्रभाव है जिसमें किसी गैस का तापमान परिवर्तन होता है जब उसे स्थिर एन्थैलपी पर एक छिद्र से प्रवाहित किया जाता है। यह प्रभाव गैसों के प्रसारण और शीतलन प्रक्रियाओं में महत्वपूर्ण है।

प्रश्न 9:

ऊष्माधारिता के दो मुख्य प्रकार के तात्पर्य लिखिए। ये कितने प्रकार के होते हैं?

उत्तर:

ऊष्माधारिता दो मुख्य प्रकार की होती है:

  1. स्थिर आयतन पर ऊष्माधारिता (CvC_v): यह वह ऊष्मा है जो तंत्र को स्थिर आयतन पर तापमान 1°C बढ़ाने के लिए आवश्यक होती है।
  2. स्थिर दाब पर ऊष्माधारिता (CpC_p): यह वह ऊष्मा है जो तंत्र को स्थिर दाब पर तापमान 1°C बढ़ाने के लिए आवश्यक होती है।

प्रश्न 10:

निम्न में अंतर स्पष्ट कीजिए—

(a) आंतरिक ऊर्जा एवं एन्थैलपी
(b) समतापीय एवं रैखिक प्रक्रम
(c) संयुत एवं विलगित निकाय

उत्तर:

(a) आंतरिक ऊर्जा एवं एन्थैलपी:

  • आंतरिक ऊर्जा (UU): तंत्र की कुल ऊर्जा जिसमें गतिज ऊर्जा, स्थितिज ऊर्जा आदि शामिल हैं।
  • एन्थैलपी (HH): तंत्र की कुल ऊर्जा जिसमें आंतरिक ऊर्जा और PVPV कार्य शामिल है। H=U+PVH = U + PV

(b) समतापीय एवं रैखिक प्रक्रम:

  • समतापीय (Isothermal): तापमान स्थिर रहता है।
  • रैखिक (Isochoric): आयतन स्थिर रहता है।

(c) संयुत एवं विलगित निकाय:

  • संयुत (Open System): इसमें पदार्थ और ऊर्जा का आदान-प्रदान होता है।
  • विलगित (Closed System): इसमें केवल ऊर्जा का आदान-प्रदान होता है, पदार्थ का नहीं।

प्रश्न 11:

(a) जूल-थॉमसन प्रभाव क्या है? इसके उपयोगिता समझाइए।

उत्तर:

जूल-थॉमसन प्रभाव: यह वह प्रभाव है जिसमें किसी गैस का तापमान बदलता है जब उसे स्थिर एन्थैलपी पर एक छिद्र से गुजराया जाता है। इस प्रभाव का उपयोग गैसों को ठंडा करने और द्रवित करने के लिए किया जाता है।

(b) आदर्श गैस के समतापीय ऊष्मागतिक प्रसार में किये गये अधिकतम कार्य की गणना कीजिए।

उत्तर:

आदर्श गैस के लिए समतापीय प्रसार में अधिकतम कार्य:

W=nRTln(VfVi)W = nRT \ln\left(\frac{V_f}{V_i}\right)

जहाँ,
WW = कार्य
nn = मोल संख्या
RR = गैस नियतांक
TT = तापमान
VfV_f = अंतिम आयतन
ViV_i = प्रारंभिक आयतन

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