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spectrophotometry in hindi

spectrophotometry in hindi एक विश्लेषणात्मक तकनीक है, जिसमें किसी पदार्थ द्वारा प्रकाश के विभिन्न तरंगदैर्घ्यों के अवशोषण को मापा जाता है। यह तकनीक मुख्यतः रासायनिक यौगिकों की सांद्रता ज्ञात करने और उनके भौतिक व रासायनिक गुणों का अध्ययन करने के लिए उपयोगी है।करने और उनके भौतिक व रासायनिक गुणों का अध्ययन करने के लिए उपयोगी है।

spectrophotometry in hindi

प्रयोग 1: प्रयोगशाला में स्पेक्ट्रोफोटोमेट्री द्वारा फेरिक आयन ( Fe3+\text{Fe}^{3+}

 

) का सांद्रण निर्धारण

उद्देश्य (Objective):

प्रयोगशाला में स्पेक्ट्रोफोटोमेट्री का उपयोग करके फेरिक आयन (

Fe3+\text{Fe}^{3+}) का सांद्रण मापना और उसकी अवशोषण क्षमता (Absorbance) का अध्ययन करना।


आवश्यक सामग्री (Materials Required):

  1. स्पेक्ट्रोफोटोमीटर
  2. क्युवेट (Cuvette)

  3. 0.002M0.002 \, \text{M}
     

    फेरिक सल्फेट का घोल


  4. 0.01M0.01 \, \text{M}
     

    हाइड्रोक्लोरिक एसिड (HCl)


  5. 0.001M0.001 \, \text{M}
     

    फेरिक अमोनियम सल्फेट

  6. डिस्टिल्ड वॉटर (Distilled water)
  7. मापने वाले सिलेंडर और फ्लास्क
  8. कांच की स्टिरिंग रॉड (Glass stirring rod)
  9. pH पैपर या pH मीटर

सैद्धांतिक विवेचन (Theory):

स्पेक्ट्रोफोटोमेट्री तकनीक का उपयोग Beer-Lambert नियम के आधार पर किया जाता है, जो बताता है कि किसी पदार्थ का अवशोषण उसकी सांद्रता और क्युवेट की पथ लंबाई पर निर्भर करता है। यह नियम निम्नलिखित समीकरण द्वारा व्यक्त किया जाता है:

 

A=ϵclA = \epsilon c l
जहां:


  • AA
     

    = अवशोषण क्षमता (Absorbance)


  • ϵ\epsilon
     

    = मोलर विलुप्ति गुणांक (Molar extinction coefficient)


  • cc
     

    = विलयन का सांद्रण (Concentration)


  • ll
     

    = क्युवेट की पथ लंबाई (Path length)

फेरिक आयन (

Fe3+\text{Fe}^{3+}) का अधिकतम अवशोषण

440nm440 \, \text{nm}की तरंगदैर्घ्य पर होता है। प्रयोगशाला में इस अवशोषण डेटा का उपयोग करके सांद्रण की गणना की जा सकती है।


प्रयोगशाला प्रक्रिया (Laboratory Procedure):

  1. घोल तैयार करना:
    • अलग-अलग सांद्रण वाले
      Fe3+\text{Fe}^{3+}
       

      के 10 घोल तैयार करें।

    • प्रत्येक घोल में
      HCl\text{HCl}
       

      जोड़कर कुल आयतन 10mL10 \, \text{mL} 

      बनाएं।

    • नीचे दी गई तालिका के अनुसार घोल तैयार करें:
     

    Fe3+\text{Fe}^{3+} का आयतन (mL)

    HCl का आयतन (mL) डिस्टिल्ड पानी (mL)
    1 9 0
    2 8 1
    3 7 2
    4 6 3
    5 5 4
    6 4 5
    7 3 6
    8 2 7
    9 1 8
  2. स्पेक्ट्रोफोटोमीटर का सेटअप:
    • स्पेक्ट्रोफोटोमीटर को
      440nm440 \, \text{nm}
       

      की तरंगदैर्घ्य पर सेट करें।

    • एक क्युवेट में डिस्टिल्ड पानी डालकर इसे ब्लैंक के रूप में उपयोग करें।
  3. मापन प्रक्रिया:

    • Fe3+\text{Fe}^{3+}
       

      के तैयार घोलों को क्रम से क्युवेट में डालें।

    • प्रत्येक घोल की अवशोषण क्षमता (
      AA
       

      ) को रिकॉर्ड करें।

  4. डेटा का रिकॉर्ड और विश्लेषण:
    • अवशोषण (
      AA
       

      ) और सांद्रण ( CC 

      ) के बीच एक ग्राफ प्लॉट करें।

    • सीधी रेखा के ढाल (
      ϵl\epsilon l
       

      ) का उपयोग करते हुए सांद्रण की गणना करें।


गणना (Calculation):

ग्राफ से अधिकतम अवशोषण

AmaxA_{\text{max}} की गणना करें। ज्ञात ढाल का उपयोग करके:

 

C=AϵlC = \frac{A}{\epsilon l}


परिणाम (Result):

इस प्रयोग में प्राप्त डेटा से

Fe3+\text{Fe}^{3+}का सही सांद्रण ज्ञात होता है। यह ग्राफ

AAबनाम

CCके आधार पर सत्यापित किया जा सकता है।


प्रयोगशाला नोट्स (Lab Notes):

  1. सभी उपकरण साफ और सूखे होने चाहिए।
  2. प्रत्येक मापन के बाद क्युवेट को डिस्टिल्ड पानी से धोएं।
  3. तरंगदैर्घ्य को
    440nm440 \, \text{nm}
     

    पर स्थिर रखें।


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