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Separation of Cations and Anions by Paper Chromatography

Separation of Cations and Anions by Paper Chromatography

उद्देश्य:

कैटायन और एनायन को कागजी क्रोमैटोग्राफी विधि का उपयोग करके अलग करना और उनकी पहचान करना।


सिद्धांत:

कागजी क्रोमैटोग्राफी एक सरल और प्रभावी तकनीक है जिसका उपयोग विभिन्न आयनों के मिश्रण को अलग करने के लिए किया जाता है। इसमें एक स्थिर चरण (क्रोमैटोग्राफी पेपर) और एक चल चरण (घोलक/सॉल्वेंट) का उपयोग होता है। आयन अपनी घुलनशीलता और स्थिर चरण से उनकी आपस में चिपकने की क्षमता के आधार पर अलग-अलग गति से चलते हैं।


आवश्यक सामग्री:

  1. क्रोमैटोग्राफी पेपर
  2. मिश्रण (कैटायन और एनायन का घोल)
  3. सॉल्वेंट (जैसे पानी, इथेनॉल, या कोई अन्य उपयुक्त घोलक)
  4. ग्लास चेंबर
  5. पेंसिल और स्केल
  6. ड्रॉपर
  7. स्पॉटिंग पिपेट
  8. फिल्टर पेपर
  9. धात्विक लवण (उदाहरण: कॉपर सल्फेट, फेरस सल्फेट, पोटैशियम क्लोराइड, सोडियम सल्फेट आदि)

प्रक्रिया:

  1. क्रोमैटोग्राफी पेपर की तैयारी:
    • क्रोमैटोग्राफी पेपर को लें और इसे आयताकार आकार में काट लें।
    • पेपर के निचले सिरे से 2 सेमी ऊपर पेंसिल से एक सीधी रेखा खींचें। यह “स्पॉटिंग लाइन” कहलाएगी।
  2. घोल तैयार करना:
    • कैटायन (जैसे Cu2+\text{Cu}^{2+}) और एनायन (जैसे Cl\text{Cl}^-) के मिश्रण का घोल तैयार करें।
    • इसे डिस्टिल्ड पानी में घोलें।
  3. स्पॉटिंग:
    • स्पॉटिंग पिपेट या ड्रॉपर का उपयोग करके मिश्रण को स्पॉटिंग लाइन पर लगाएं।
    • एक छोटा और सटीक बिंदु (स्पॉट) बनाएं। इसे सूखने दें।
  4. सॉल्वेंट चेंबर की तैयारी:
    • एक ग्लास चेंबर में सॉल्वेंट डालें (उदाहरण के लिए: पानी और इथेनॉल का मिश्रण 70:30 अनुपात में)।
    • ध्यान रखें कि सॉल्वेंट का स्तर स्पॉटिंग लाइन से नीचे रहे।
  5. क्रोमैटोग्राफी प्रक्रिया:
    • तैयार क्रोमैटोग्राफी पेपर को सावधानी से सॉल्वेंट चेंबर में रखें।
    • सॉल्वेंट को धीरे-धीरे पेपर के ऊपर चढ़ने दें।
    • यह सुनिश्चित करें कि पेपर दीवारों को न छुए।
    • सॉल्वेंट के शीर्ष तक पहुंचने के बाद पेपर को बाहर निकाल लें।
  6. स्पॉट की पहचान:
    • पेपर को सुखाएं और स्पॉट्स की स्थिति का निरीक्षण करें।
    • अलग-अलग धात्विक आयन और एनायन अलग-अलग स्थान पर पाए जाएंगे।

आरएफ (Rf) मान की गणना:

Rf मान की गणना निम्न सूत्र से करें:
Rf=स्पॉट द्वारा तय की गई दूरीसॉल्वेंट द्वारा तय की गई दूरीR_f = \frac{\text{स्पॉट द्वारा तय की गई दूरी}}{\text{सॉल्वेंट द्वारा तय की गई दूरी}}


उदाहरण:

सैंपल मिश्रण:

  • कैटायन: कॉपर (Cu2+\text{Cu}^{2+}) और आयरन (Fe2+\text{Fe}^{2+})
  • एनायन: क्लोराइड (Cl\text{Cl}^-) और सल्फेट (SO42\text{SO}_4^{2-})

परिणाम (Rf मान):

आयन का नाम स्पॉट द्वारा तय दूरी (सेमी) सॉल्वेंट द्वारा तय दूरी (सेमी) RfR_f मान
Cu2+\text{Cu}^{2+} (कॉपर) 2.5 5 0.50
Fe2+\text{Fe}^{2+} (आयरन) 3.0 5 0.60
Cl\text{Cl}^- (क्लोराइड) 4.0 5 0.80
SO42\text{SO}_4^{2-} (सल्फेट) 1.5 5 0.30

अवलोकन:

प्रत्येक आयन का Rf मान अलग-अलग होता है, जो उनकी पहचान में सहायक है।


निष्कर्ष:

कागजी क्रोमैटोग्राफी द्वारा कैटायन (Cu2+\text{Cu}^{2+}, Fe2+\text{Fe}^{2+}) और एनायन (Cl\text{Cl}^-, SO42\text{SO}_4^{2-}) को प्रभावी रूप से अलग किया गया। उनके RfR_f मान से उनकी पहचान करना संभव हुआ।

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