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oxidative phosphorylation meaning

oxidative phosphorylation meaning|ऑक्सीडेटिव फॉस्फोराइलेशन (Oxidative Phosphorylation) एक जैव-रासायनिक प्रक्रिया है, जो माइटोकॉन्ड्रिया में होती है और एटीपी (Adenosine Triphosphate) के उत्पादन के लिए जिम्मेदार है। यह प्रक्रिया कोशिका के ऊर्जा उत्पादन का प्रमुख स्रोत है और इलेक्ट्रॉन परिवहन श्रृंखला (Electron Transport Chain, ETC) और केमोस्मोसिस (Chemiosmosis) के माध्यम से संचालित होती है।

ऑक्सीडेटिव फॉस्फोराइलेशन की प्रक्रिया:

  1. इलेक्ट्रॉन परिवहन श्रृंखला (ETC):
    • यह माइटोकॉन्ड्रियल आंतरिक झिल्ली में मौजूद एक श्रृंखला है जिसमें चार प्रोटीन कॉम्प्लेक्स (Complex I-IV) और ATP सिंथेज एंजाइम शामिल होते हैं।
    • इलेक्ट्रॉन NADH और FADH2 (जो ग्लाइकोलिसिस और सिट्रिक एसिड साइकिल से आते हैं) द्वारा कॉम्प्लेक्स I और II में प्रवेश करते हैं।
    • इलेक्ट्रॉन इन कॉम्प्लेक्स के माध्यम से गुजरते हैं और ऑक्सीजन को अंतिम इलेक्ट्रॉन ग्रहणकर्ता (Terminal Electron Acceptor) के रूप में उपयोग करते हुए पानी (H2O) का निर्माण करते हैं।
  2. प्रोटॉन ग्रेडिएंट का निर्माण:
    • ETC के दौरान, प्रोटॉन (H⁺ आयन) माइटोकॉन्ड्रियल मैट्रिक्स से अंतरझिल्लीय स्थान (Intermembrane Space) में पंप किए जाते हैं, जिससे प्रोटॉन ग्रेडिएंट (Proton Gradient) या इलेक्ट्रोकेमिकल पोटेंशियल बनता है।
  3. केमोस्मोसिस और एटीपी उत्पादन:
    • प्रोटॉन, ATP सिंथेज एंजाइम के माध्यम से वापस माइटोकॉन्ड्रियल मैट्रिक्स में प्रवेश करते हैं। यह प्रक्रिया ADP और अकार्बनिक फॉस्फेट (Pi) को मिलाकर ATP का निर्माण करती है।

ऑक्सीडेटिव फॉस्फोराइलेशन के मुख्य अवरोधक:

  1. कॉम्प्लेक्स I के अवरोधक:
    • रोटेनोन (Rotenone): NADH से इलेक्ट्रॉन के प्रवाह को रोकता है।
    • एमाइटल (Amytal): इलेक्ट्रॉन परिवहन श्रृंखला के इस भाग को अवरुद्ध करता है।
  2. कॉम्प्लेक्स III के अवरोधक:
    • एंटाइमाइसिन ए (Antimycin A): इलेक्ट्रॉन को कॉम्प्लेक्स III से सायटोक्रोम C तक जाने से रोकता है।
  3. कॉम्प्लेक्स IV के अवरोधक:
    • साइनाइड (Cyanide): सायटोक्रोम ऑक्सिडेज एंजाइम को रोकता है, जिससे ऑक्सीजन इलेक्ट्रॉन ग्रहण नहीं कर पाती।
    • कार्बन मोनोऑक्साइड (CO): ऑक्सीजन की तरह बंधन बनाकर इलेक्ट्रॉन प्रवाह को अवरुद्ध करता है।
    • सोडियम एज़ाइड (Sodium Azide): कॉम्प्लेक्स IV की क्रिया को बाधित करता है।
  4. ATP सिंथेज के अवरोधक:
    • ऑलिगोमाइसिन (Oligomycin): ATP सिंथेज को अवरुद्ध कर ATP उत्पादन रोकता है।
  5. अनकपलर्स (Uncouplers):
    • 2,4-डाइनिट्रोफेनॉल (2,4-DNP): प्रोटॉन ग्रेडिएंट को नष्ट करता है और ATP उत्पादन को रोकता है।
    • थायरोक्सिन (Thyroxine): झिल्ली की पारगम्यता को बढ़ाकर ATP सिंथेसिस को प्रभावित करता है।

महत्व:

ऑक्सीडेटिव फॉस्फोराइलेशन के द्वारा कोशिकाएं जीवन के लिए आवश्यक ऊर्जा (ATP) प्राप्त करती हैं। इसके अवरोधक का अध्ययन औषधि विज्ञान और विष विज्ञान (Toxicology) में महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह विभिन्न रोगों और जहरों के प्रभाव को समझने में सहायता करता है।

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