hund law in hindi 2024 useful .हंड का नियम रसायन विज्ञान में एक महत्वपूर्ण सिद्धांत है, जो इलेक्ट्रॉनों के ऑर्बिटल्स में उनके वितरण को समझने में मदद करता है। इसे समझने के लिए उदाहरणों के साथ पढ़ें।
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हंड कानून (Hund Law) भौतिक विज्ञान के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण नियम है, जिसका संबंध अर्धचालकों के अंदर इलेक्ट्रॉनों के वितरण से है। यह नियम वैज्ञानिक फ्रेडरिक हंड (Friedrich Hund) द्वारा प्रस्तावित किया गया था। हंड के नियम को समझने के लिए हमें अर्धचालकों की संरचना और उनके भीतर इलेक्ट्रॉनों की ऊर्जा स्तरों को समझना आवश्यक है।
हंड के नियम के प्रमुख बिंदु निम्नलिखित हैं:
- उर्जा स्तर: किसी भी उपशेल (उप स्तर) में इलेक्ट्रॉन तब तक नहीं जोड़े जाते जब तक कि उस उपशेल के सभी ऑर्बिटल्स में एक-एक इलेक्ट्रॉन न हो जाए। प्रत्येक ऑर्बिटल में पहले एक इलेक्ट्रॉन अकेला भरेगा और फिर जोड़े में भरेगा।
- समरूपता: इलेक्ट्रॉनों का स्पिन एक ही दिशा में होगा, अर्थात पहले सभी इलेक्ट्रॉन एक ही दिशा में स्पिन करेंगे और फिर विपरीत दिशा में स्पिन करने वाले इलेक्ट्रॉन भरेंगे।
- न्यूनतम ऊर्जा: हंड के नियम के अनुसार, अर्धचालक में इलेक्ट्रॉनों का वितरण इस प्रकार होगा कि कुल स्पिन अधिकतम हो, जिससे अर्धचालक की ऊर्जा न्यूनतम होगी।
उदाहरण के लिए, कार्बन (C) के परमाणु में छह इलेक्ट्रॉन होते हैं। इसके इलेक्ट्रॉनिक कॉन्फ़िगरेशन में 1s² 2s² 2p² होता है। 2p उपशेल में तीन ऑर्बिटल्स होते हैं। हंड के नियम के अनुसार, 2p उपशेल के तीन ऑर्बिटल्स में पहले प्रत्येक में एक-एक इलेक्ट्रॉन भरेगा और फिर जोड़े में भरेगा।
हंड का नियम अर्धचालकों और रासायनिक बंधन के अध्ययन में अत्यधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह अर्धचालकों की इलेक्ट्रॉनिक संरचना और उनकी भौतिक और रासायनिक गुणों को समझने में सहायता करता है।
रसायन विज्ञान में हंड का नियम (Hund’s Rule)
रसायन विज्ञान में हंड का नियम इलेक्ट्रॉनों के ऑर्बिटल्स में वितरण से संबंधित एक महत्वपूर्ण सिद्धांत है। यह नियम जर्मन भौतिक रसायनज्ञ फ्रेडरिक हंड (Friedrich Hund) द्वारा प्रतिपादित किया गया था। हंड का नियम बताता है कि एक ही ऊर्जा स्तर के ऑर्बिटल्स में इलेक्ट्रॉनों का वितरण कैसे होता है। यह नियम विशेष रूप से पाउली अपवर्जन सिद्धांत और ऑफबाउ सिद्धांत के साथ मिलकर इलेक्ट्रॉनिक संरचनाओं को समझने में सहायता करता है।
हंड के नियम के प्रमुख बिंदु निम्नलिखित हैं:
- उपशेल के ऑर्बिटल्स में इलेक्ट्रॉनों का वितरण: किसी भी उपशेल में ऑर्बिटल्स (जैसे 2p, 3d) के अंदर इलेक्ट्रॉन तब तक अकेले रहते हैं जब तक कि हर ऑर्बिटल में एक-एक इलेक्ट्रॉन न हो जाए। इसका मतलब है कि प्रत्येक ऑर्बिटल में पहले एक-एक इलेक्ट्रॉन भरेगा और उसके बाद ही जोड़ी बनेगी।
- स्पिन समानता: अकेले भरे गए इलेक्ट्रॉनों का स्पिन एक ही दिशा में होता है। उदाहरण के लिए, यदि पहले ऑर्बिटल में इलेक्ट्रॉन का स्पिन ऊपर की ओर (↑) है, तो अन्य ऑर्बिटल्स में भी इलेक्ट्रॉन का स्पिन ऊपर की ओर (↑) होगा जब तक कि सभी ऑर्बिटल्स में एक-एक इलेक्ट्रॉन न भर जाए।
- न्यूनतम ऊर्जा स्थिति: हंड का नियम यह सुनिश्चित करता है कि इलेक्ट्रॉनों का वितरण इस प्रकार होगा कि सिस्टम की कुल ऊर्जा न्यूनतम हो। एक ही उपशेल में इलेक्ट्रॉनों का समान रूप से वितरण करने से इलेक्ट्रॉन-इलेक्ट्रॉन प्रतिकर्षण कम होता है, जिससे सिस्टम स्थिर होता है।
उदाहरण के लिए, नाइट्रोजन (N) के परमाणु में सात इलेक्ट्रॉन होते हैं। इसके इलेक्ट्रॉनिक कॉन्फ़िगरेशन में 1s² 2s² 2p³ होता है। 2p उपशेल में तीन ऑर्बिटल्स होते हैं। हंड के नियम के अनुसार, 2p उपशेल के तीन ऑर्बिटल्स में पहले प्रत्येक में एक-एक इलेक्ट्रॉन भरेगा और फिर जोड़ी बनाएगा। इस प्रकार, 2p उपशेल का वितरण 2p↑ 2p↑ 2p↑ होगा।
हंड का नियम परमाणु और अणुओं के इलेक्ट्रॉनिक संरचना को समझने में महत्वपूर्ण है, और यह रासायनिक बंधन, चुंबकीय गुणधर्म, और अणुओं के अन्य भौतिक और रासायनिक गुणों को समझने में सहायता करता है।
उदाहरण 1: कार्बन (C)
कार्बन के परमाणु में 6 इलेक्ट्रॉन होते हैं। इसका इलेक्ट्रॉनिक कॉन्फ़िगरेशन 1s² 2s² 2p² होता है।
- 1s उपशेल: 1s²
- 2s उपशेल: 2s²
- 2p उपशेल: 2p²
2p उपशेल में तीन ऑर्बिटल्स होते हैं। हंड के नियम के अनुसार, 2p उपशेल के तीन ऑर्बिटल्स में पहले प्रत्येक में एक-एक इलेक्ट्रॉन भरेगा। तो, 2p उपशेल का वितरण इस प्रकार होगा:
- 2pₓ: 1 इलेक्ट्रॉन (↑)
- 2pᵧ: 1 इलेक्ट्रॉन (↑)
- 2p𝓏: 0 इलेक्ट्रॉन
इस प्रकार, 2p उपशेल का वितरण 2pₓ↑ 2pᵧ↑ 2p𝓏 होगा।
उदाहरण 2: नाइट्रोजन (N)
नाइट्रोजन के परमाणु में 7 इलेक्ट्रॉन होते हैं। इसका इलेक्ट्रॉनिक कॉन्फ़िगरेशन 1s² 2s² 2p³ होता है।
- 1s उपशेल: 1s²
- 2s उपशेल: 2s²
- 2p उपशेल: 2p³
2p उपशेल में तीन ऑर्बिटल्स होते हैं। हंड के नियम के अनुसार, 2p उपशेल के तीन ऑर्बिटल्स में पहले प्रत्येक में एक-एक इलेक्ट्रॉन भरेगा। तो, 2p उपशेल का वितरण इस प्रकार होगा:
- 2pₓ: 1 इलेक्ट्रॉन (↑)
- 2pᵧ: 1 इलेक्ट्रॉन (↑)
- 2p𝓏: 1 इलेक्ट्रॉन (↑)
इस प्रकार, 2p उपशेल का वितरण 2pₓ↑ 2pᵧ↑ 2p𝓏↑ होगा।
उदाहरण 3: ऑक्सीजन (O)
ऑक्सीजन के परमाणु में 8 इलेक्ट्रॉन होते हैं। इसका इलेक्ट्रॉनिक कॉन्फ़िगरेशन 1s² 2s² 2p⁴ होता है।
- 1s उपशेल: 1s²
- 2s उपशेल: 2s²
- 2p उपशेल: 2p⁴
2p उपशेल में तीन ऑर्बिटल्स होते हैं। हंड के नियम के अनुसार, 2p उपशेल के तीन ऑर्बिटल्स में पहले प्रत्येक में एक-एक इलेक्ट्रॉन भरेगा, और फिर जोड़ी बनाएगा। तो, 2p उपशेल का वितरण इस प्रकार होगा:
- 2pₓ: 1 इलेक्ट्रॉन (↑)
- 2pᵧ: 1 इलेक्ट्रॉन (↑)
- 2p𝓏: 1 इलेक्ट्रॉन (↑)
- 2pₓ: 1 अतिरिक्त इलेक्ट्रॉन (↓)
इस प्रकार, 2p उपशेल का वितरण 2pₓ↑↓ 2pᵧ↑ 2p𝓏↑ होगा।
इन उदाहरणों से स्पष्ट होता है कि हंड का नियम इलेक्ट्रॉनों के ऑर्बिटल्स में भरने के क्रम को निर्धारित करता है ताकि इलेक्ट्रॉनों के बीच प्रतिकर्षण न्यूनतम हो और सिस्टम की स्थिरता अधिकतम हो।