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dad ka malham|प्रभावी एंटीफंगल मलहम का निर्माण

dad ka malham|दाद (Ringworm) एक आम त्वचा संक्रमण है, जो फंगल संक्रमण के कारण होता है। यह आमतौर पर गोल या छल्ले के आकार के लाल दाग के रूप में त्वचा पर दिखाई देता है। इसे ठीक करने के लिए एक विशेष मलहम तैयार किया जाता है, जिसमें एंटीफंगल गुण होते हैं।

इस मलहम को त्वचा पर लगाने से संक्रमण फैलने से रुकता है और त्वचा को स्वस्थ बनाने में मदद मिलती है।

dad ka malham|प्रभावी एंटीफंगल मलहम का निर्माण

मलहम (Ointment) का संश्लेषण: विस्तृत व्याख्या

प्रयोग क्रमांक 1:3

उद्देश्य (Objective):
मलहम तैयार करना और उसकी आवश्यक विशेषताओं को समझना।

सिद्धांत (Principle):
मलहम में निम्न विशेषताएँ होनी चाहिए:

  1. संपूर्ण रूप से एक समान (Uniform) होना चाहिए। इसमें किसी भी प्रकार की गांठें (Lumps) नहीं होनी चाहिए।
  2. इसमें कणिकाकण (Grittiness) नहीं होनी चाहिए।

मलहम बनाने की विधियाँ (Methods of Ointment Preparation):

मलहम तैयार करने की दो प्रमुख विधियाँ होती हैं:

  1. संलयन विधि (Fusion Method):
    • इस विधि में सामग्री को एक साथ पिघलाया (Melt) जाता है ताकि गड़बड़ी या गांठें न बनें।
    • पिघलने के बाद इसे दूसरे पात्र में स्थानांतरित कर ठंडा किया जाता है।

    उदाहरण (Example):
    सरल मलहम (Simple Ointment):

    • ऊन वसा (Wool Fat): 50 gm
    • कठोर पैराफिन (Hard Paraffin): 50 gm
    • सेटोस्टेराइल (Cetostearyl Alcohol): 50 gm
    • सफेद पैराफिन (White Paraffin): 850 gm
  2. विचूर्णन विधि (Trituration Method):
    • इस विधि में ठोस पदार्थों को महीन विभाजित (Finely Sub-divided) करके समान रूप से मिलाया जाता है।
    • दवाइयों और क्षार (Bases) को थोड़ी-थोड़ी मात्रा में पीसकर पेस्ट तैयार किया जाता है।

    विचूर्णन प्रक्रिया (Trituration Process):

    • (i) ठोस पदार्थों को महीन पीसकर पाउडर बनाते हैं और फिर उन्हें छान लेते हैं।
    • (ii) तरल घटकों को मिलाकर एक बंद बोतल में रखा जाता है।

    उदाहरण (Example):

    • श्वेत क्षेत्र मलहम (White Field Ointment):
      • बेंजोइक अम्ल (Benzoic Acid): 6 gm
      • सैलिसिलिक अम्ल (Salicylic Acid): 3 gm
      • पायसीकारक (Emulsifying Agent): 91 gm
    • बनाने की प्रक्रिया:
      • बेंजोइक और सैलिसिलिक अम्ल को 180 नंबर छलनी से छाना जाता है।
      • मोटार (Mortar) में डालकर, थोड़ा क्षार मिलाया जाता है।
      • मिश्रण को तब तक पीसा जाता है जब तक यह चिकना (Smooth) न बन जाए।

प्रक्रिया का विस्तृत विवरण (Step-by-Step Process):

  1. सामग्री का चयन (Selection of Materials):
    प्रयोग में उपयोग की जाने वाली सभी सामग्री उच्च गुणवत्ता की होनी चाहिए।
  2. संलयन विधि के चरण (Steps for Fusion Method):
    • कठोर और तरल पदार्थों को पिघलाने के लिए धीमी आंच पर रखें।
    • लगातार मिश्रण को हिलाते रहें ताकि गांठें न बनें।
    • पिघले हुए मिश्रण को अलग पात्र में डालें और ठंडा होने दें।
  3. विचूर्णन विधि के चरण (Steps for Trituration Method):
    • ठोस पदार्थों को महीन पाउडर में बदलें।
    • इन पाउडरों को मोटार में डालें और समान रूप से मिलाएं।
    • तरल पदार्थों को धीरे-धीरे मिलाकर पेस्ट बनाएं।
  4. उत्पाद का भंडारण (Storage of Final Product):
    तैयार मलहम को वायुरोधक पात्र में स्टोर करें। यह सुनिश्चित करें कि इसे ठंडी और सूखी जगह पर रखें।

परिणाम (Result):

  1. दोनों विधियों से तैयार मलहम चिकना और एकसमान होता है।
  2. इसमें किसी प्रकार की गांठें या कणिकाकण मौजूद नहीं होते।

मलहम का उपयोग (Uses of Ointment):

  1. चिकित्सा में त्वचा संबंधी समस्याओं के लिए।
  2. त्वचा पर एंटीसेप्टिक और मॉइस्चराइजिंग एजेंट के रूप में।
  3. दर्द और सूजन कम करने के लिए।

निष्कर्ष (Conclusion):

संलयन और विचूर्णन विधि दोनों ही प्रभावी तरीके हैं। सही सामग्री और प्रक्रिया का उपयोग करके एक उच्च गुणवत्ता वाला मलहम तैयार किया जा सकता है।

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