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Carbohydrate Estimation by UV-Vis Spectrophotometry

Carbohydrate Estimation by UV-Vis Spectrophotometry.यह केमिस्ट्री प्रैक्टिकल बीएससी 4th इयर के कोर -1 का प्रयोगिक वर्क हैं |इसे केमिस्ट्री की प्रैक्टिकल फाइल में लिखना हे|

Carbohydrate Estimation by UV-Vis Spectrophotometry

 

एंथ्रोन विधि द्वारा कार्बोहाइड्रेट का अनुमान लगाने की प्रयोगशाला विधि

1. सिद्धांत (Principle)

एंथ्रोन विधि कार्बोहाइड्रेट के मात्रात्मक विश्लेषण के लिए एक सरल और त्वरित तकनीक है। इस विधि में सांद्र सल्फ्यूरिक अम्ल (H₂SO₄) की उपस्थिति में कार्बोहाइड्रेट डिहाइड्रेट (Dehydrate) होकर फर्फुरल बनाते हैं, जो एंथ्रोन अभिकर्मक (Anthrone Reagent) के साथ अभिक्रिया करके हरे रंग (Green Color) का यौगिक बनाते हैं। इस रंगीन यौगिक का अवशोषण 620 nm तरंगदैर्घ्य पर स्पेक्ट्रोफोटोमीटर द्वारा मापा जाता है।


2. आवश्यक रसायन एवं उपकरण (Reagents & Apparatus)

(A) रसायन (Reagents)

  1. एंथ्रोन अभिकर्मक (Anthrone Reagent):
    • 200 mg एंथ्रोन को 100 mL 72% सल्फ्यूरिक अम्ल (H₂SO₄) में घोलें।
    • यह घोल प्रयोग से पहले तैयार करें।
  2. सांद्र H₂SO₄ (Conc. Sulfuric Acid)
  3. मानक कार्बोहाइड्रेट घोल (Standard Glucose Solution)
  4. आसुत जल (Distilled Water)
  5. कॉर्न फ्लोर (Corn Flour) से प्राप्त किया गया अज्ञात नमूना (Unknown Sample Extract)

(B) उपकरण (Apparatus)

  1. UV/Visible स्पेक्ट्रोफोटोमीटर (620 nm पर अवशोषण मापने के लिए)
  2. टेस्ट ट्यूब
  3. माइक्रोपिपेट
  4. वॉटर बाथ (Water Bath) – 100°C तापमान पर गरम करने के लिए
  5. क्यूवेट (Cuvette) – स्पेक्ट्रोफोटोमीटर में रखने के लिए
  6. सेंट्रीफ्यूज मशीन – 8000 RPM पर 3 मिनट तक घूर्णन (Centrifugation) करने के लिए

3. प्रयोग की प्रक्रिया (Procedure of Experiment)

(A) मानक घोल (Standard Solution) का निर्माण

  1. विभिन्न सांद्रताओं (Concentrations) में ग्लूकोज़ का मानक घोल तैयार करें।
  2. 0.2, 0.4, 0.6, 0.8, और 1.0 मि.ली. मानक घोल को 5 अलग-अलग टेस्ट ट्यूब में लें।
  3. प्रत्येक टेस्ट ट्यूब में आसुत जल मिलाकर कुल आयतन 1.0 मि.ली. करें।

(B) नमूना घोल (Sample Preparation) का निर्माण

  1. कॉर्न फ्लोर का हाइड्रोलाइसिस (Corn Flour Hydrolysis)

    • कॉर्न फ्लोर को 2.5N HCl के साथ मिलाएँ।
    • मिश्रण को 100°C पर 3 घंटे के लिए वॉटर बाथ में गरम करें।
    • इसके बाद, घोल को 8000 RPM पर 3 मिनट तक सेंट्रीफ्यूज करें।
    • सुपरनेटेंट (ऊपरी साफ भाग) को अलग करें और इसे नमूना घोल के रूप में उपयोग करें।
  2. टेस्ट सैंपल तैयार करना:

    • 0.2 मि.ली. अज्ञात नमूना घोल लें।
    • इसे टेस्ट ट्यूब में डालें और कुल आयतन 1.0 मि.ली. करने के लिए आसुत जल मिलाएँ।

(C) एंथ्रोन अभिक्रिया (Anthrone Reaction)

  1. प्रत्येक टेस्ट ट्यूब (मानक और नमूना घोल) में 4.0 मि.ली. एंथ्रोन अभिकर्मक मिलाएँ।
  2. मिश्रण को 100°C पर 11 मिनट के लिए वॉटर बाथ में गरम करें।
  3. इसे ठंडा करें और फिर स्पेक्ट्रोफोटोमीटर पर 620 nm पर अवशोषण (OD Value) मापें।

4. परिणामों की गणना (Calculation of Results)

  1. कैलिब्रेशन ग्राफ (Calibration Graph)

    • मानक घोलों के अवशोषण (OD) मूल्यों को X-अक्ष पर एवं सांद्रता को Y-अक्ष पर रखते हुए ग्राफ बनाएँ।
    • इस ग्राफ का उपयोग अज्ञात नमूने की सांद्रता ज्ञात करने के लिए करें।
  2. सांद्रता निकालने का सूत्र:

Absorbance of UnknownConcentration of Unknown=Absorbance of StandardConcentration of Standard\frac{\text{Absorbance of Unknown}}{\text{Concentration of Unknown}} = \frac{\text{Absorbance of Standard}}{\text{Concentration of Standard}}

  1. प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, 0.25 मि.ली. अज्ञात घोल में 28.5 μg कार्बोहाइड्रेट था, जिससे निकला कि 1 मि.ली. घोल में 16.59% कार्बोहाइड्रेट है।

5. निष्कर्ष (Conclusion)

इस प्रयोग में, एंथ्रोन विधि का उपयोग करके अज्ञात नमूने (कॉर्न फ्लोर) में 16.59% कार्बोहाइड्रेट की मात्रा प्राप्त हुई। यह तकनीक तेज़, विश्वसनीय और सरल है, जो विभिन्न खाद्य पदार्थों और जैविक नमूनों में कार्बोहाइड्रेट की मात्रात्मक जाँच के लिए उपयुक्त है।


6. सावधानियाँ (Precautions)

  1. सांद्र H₂SO₄ के साथ काम करते समय सावधानी बरतें, क्योंकि यह अत्यधिक संक्षारक (Corrosive) होता है।
  2. एंथ्रोन अभिकर्मक को हमेशा ताजा तैयार करें।
  3. सभी परीक्षणों में एक ब्लैंक सैंपल (Blank Sample) भी रखें, जिसमें केवल सल्फ्यूरिक अम्ल और एंथ्रोन हो।
  4. 620 nm पर स्पेक्ट्रोफोटोमीटर का शून्यीकरण (Zero Calibration) करें।
  5. सभी रसायनों की सही मात्रा लें और तापमान नियंत्रित रखें।

7. प्रयोग का व्यावहारिक महत्व (Practical Applications)

  • खाद्य पदार्थों में कार्बोहाइड्रेट सामग्री का विश्लेषण
  • बायोकेमिस्ट्री एवं बायोटेक्नोलॉजी प्रयोगशालाओं में अनुसंधान
  • विभिन्न पौधों और अनाजों की पोषण संरचना का अध्ययन
  • फार्मास्युटिकल और खाद्य उद्योग में गुणवत्ता नियंत्रण

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