CHEMISTRY PRACTICAL BSC 4TH YEAR
प्रयोग का नाम:
समस्थानिकता का UV-visible स्पेक्ट्रा द्वारा अध्ययन
(Study of isomerism through ultraviolet-visible spectrum)
उद्देश्य (Aim):
स्थानिक समस्थानिक यौगिकों (isomers) में समूहों की स्थिति के कारण संयुग्मन (conjugation) में होने वाले परिवर्तन का अध्ययन करना और UV-visible स्पेक्ट्रा द्वारा उनके λmax में अंतर का विश्लेषण करना।
सैद्धांतिक पृष्ठभूमि (Theory):
संयुग्मन (conjugation) के कारण यौगिकों में इलेक्ट्रॉनिक संक्रमण (π→π*, n→π*) की ऊर्जा आवश्यकताओं में परिवर्तन होता है।
स्थानिक समस्थानिक (isomers) जैसे ऑर्थो-, मेटा-, और पेरा-डेरिवेटिव्स में संयुग्मन की सीमा अलग-अलग होती है, जिससे उनके λmax (maximum absorption wavelength) में अंतर आता है।
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अधिक संयुग्मन → कम ऊर्जा संक्रमण → अधिक λmax (Bathochromic shift)
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कम संयुग्मन → अधिक ऊर्जा संक्रमण → कम λmax (Hypsochromic shift)
उपकरण एवं रसायन (Apparatus and Chemicals):
क्र. | सामग्री |
---|---|
1. | UV-visible स्पेक्ट्रोफोटोमीटर |
2. | क्वार्ट्ज क्यूवेट |
3. | o-, m-, p-नाइट्रोफेनॉल (या टॉलुईन) |
4. | सॉल्वेंट (एथेनॉल) |
5. | माइक्रोपिपेट, ड्रॉपर, टिशू पेपर |
प्रयोग विधि (Procedure):
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ऑर्थो-, मेटा-, और पेरा-नाइट्रोफेनॉल के 0.001 M विलयन एथेनॉल में तैयार करें।
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एक-एक करके प्रत्येक घोल को क्वार्ट्ज क्यूवेट में भरें।
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UV-visible स्पेक्ट्रोफोटोमीटर को ऑन करें और 200–400 nm की स्कैन रेंज सेट करें।
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एथेनॉल को ब्लैंक के रूप में सेट करें और प्रत्येक नमूने का स्पेक्ट्रा स्कैन करें।
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प्रत्येक स्पेक्ट्रा से अधिकतम अवशोषण तरंगदैर्ध्य (λmax) नोट करें।
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सभी मापों की तुलना कर तालिका में दर्ज करें।
परिणाम (Observation Table):
समस्थानिक यौगिक | λmax (nm) | संयुग्मन का स्तर | परिवर्तन प्रकार (Shift) |
---|---|---|---|
o-नाइट्रोफेनॉल | 280 | न्यून | — (संदर्भ) |
m-नाइट्रोफेनॉल | 275 | मध्यम | Hypsochromic shift (नीला) |
p-नाइट्रोफेनॉल | 290 | उच्च | Bathochromic shift (लाल) |
निष्कर्ष (Conclusion):
UV-visible स्पेक्ट्रा के माध्यम से यह स्पष्ट होता है कि समस्थानिकता (isomerism) यौगिक के इलेक्ट्रॉनिक संयुग्मन को प्रभावित करती है।
पेरा-नाइट्रोफेनॉल में अधिक संयुग्मन होता है, जिससे λmax अधिक होता है (bathochromic shift)।
इस प्रकार, संरचना का अंतर λmax पर स्पष्ट प्रभाव डालता है।
सावधानियाँ (Precautions):
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सभी विलयन समान सांद्रता (concentration) में बनाएं।
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क्यूवेट को साफ व सूखा रखें और उसे किनारे से ही पकड़ें।
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स्पेक्ट्रोफोटोमीटर को स्कैन से पहले कैलिब्रेट करें।
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किसी भी सॉल्वेंट या नमूने में बुलबुले न आने दें।
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स्कैन करते समय रूम में अधिक प्रकाश न हो।
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