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BSC 4TH YEAR CHEMISTRY PRACTICAL SECOND

Table of Contents

BSC 4TH YEAR CHEMISTRY PRACTICAL SECOND

प्रायोगिक कार्य – 2

मास स्पेक्ट्रा की व्याख्या एवं विखंडन पैटर्न का निर्धारण

उद्देश्य (AIM):

किसी दिए गए मास स्पेक्ट्रा का अध्ययन कर यौगिक के अणु भार (Molecular Weight) तथा संभावित विखंडन (Fragmentation) पैटर्न की पहचान करना।

सैद्धांतिक पृष्ठभूमि (Theory):

Mass Spectrometry एक विश्लेषणात्मक तकनीक है, जिसमें अणुओं को आयनीकृत कर उनके मास-टू-चार्ज अनुपात (m/z) के आधार पर विश्लेषण किया जाता है।
जब अणु आयनीकृत होते हैं, तो वे टूटकर छोटे टुकड़ों (फ्रैगमेंट्स) में बंटते हैं।
इन टुकड़ों के m/z मान को रिकॉर्ड कर हम यौगिक की संरचना का अनुमान लगा सकते हैं।
प्रमुख पीक को मॉलिक्यूलर आयन पीक (M⁺) और सबसे तीव्र पीक को बेस पीक (Base Peak) कहा जाता है।

उपकरण एवं रसायन (Apparatus & Chemicals):

क्रम सामग्री विवरण
1. Mass Spectrometer EI तकनीक वाला
2. ब्यूटेन-2-ओन (Sample) विश्लेषण हेतु
3. कैपिलरी/स्प्रिंकलिंग डिवाइस नमूना फीडिंग हेतु
4. कंप्यूटर डेटा रिकॉर्ड/विश्लेषण हेतु
5. दस्ताने, सैंपल ट्यूब सुरक्षा उपकरण

🧪 प्रयोग विधि (Procedure):

1. नमूना तैयार करना:

  • यदि यौगिक वाष्पशील है, तो उसे सीधे मशीन में प्रविष्ट करें।

  • यदि ठोस या कम वाष्पशील है, तो उसे ड्राई स्पॉटिंग द्वारा तैयार करें।

  • यथासंभव शुद्ध नमूना प्रयोग करें।

2. आयनीकरण (Ionization):

  • Electron Impact (EI) तकनीक द्वारा अणु को एक उच्च-ऊर्जा इलेक्ट्रॉन से टकराया जाता है।

  • इससे एक इलेक्ट्रॉन हट जाता है और अणु आयन (M⁺) बनता है।

3. स्पेक्ट्रा रिकॉर्ड करना:

  • मशीन को ऑन करें और स्कैन प्रारंभ करें।

  • सभी m/z पीक का डेटा प्राप्त करें।

4. डेटा विश्लेषण:

  • सबसे ऊँची पीक को Base Peak मानें।

  • सबसे बड़ी m/z वैल्यू वाले आयन को Molecular Ion Peak (M⁺) मानें।

  • अन्य पीक के m/z के आधार पर फ्रैगमेंट आयन की व्याख्या करें।

उदाहरण (Example Analysis):

यौगिक: ब्यूटेन-2-ओन (CH₃COCH₂CH₃)

  • M⁺ = 72 → Parent Molecular Ion

  • m/z = 57 → CH₃CH₂CO⁺ (फ्रैगमेंट I)

  • m/z = 43 → CH₃CO⁺ (फ्रैगमेंट II)

स्पेक्ट्रा चित्र (Representative Mass Spectrum):

परिणाम (Result):

  • प्राप्त स्पेक्ट्रा में मॉलिक्यूलर आयन पीक m/z = 72 पर मिली, जिससे अणु का भार ज्ञात हुआ।

  • m/z = 43 और 57 पर महत्वपूर्ण फ्रैगमेंट्स मिले जो α-क्लीवेज के कारण बने।

  • यह पैटर्न ब्यूटेन-2-ओन की संरचना की पुष्टि करता है।

निष्कर्ष (Conclusion):

Mass Spectrometry के माध्यम से किसी यौगिक के अणुभार एवं उसके संरचनात्मक टुकड़ों की पहचान की जा सकती है।
यह तकनीक रासायनिक विश्लेषण, दवा निर्माण, क्राइम इन्वेस्टिगेशन आदि में अत्यंत उपयोगी सिद्ध होती है।

सावधानियाँ (Precautions):

  1. मशीन को उपयोग से पहले कैलीब्रेट करें।

  2. नमूना डालते समय मास्क/दस्ताने पहनें।

  3. विस्फोटक, विषैले या अस्थिर यौगिक न डालें।

  4. कंप्यूटर से जुड़े डेटा को सेव करना न भूलें।

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